नई दिल्ली। जेईई मेन्स की जगह पर NATIONAL APTITUDE TEST के प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग ने फिलहाल रोक दी है। लिहाजा इस प्रस्ताव पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अब इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन एंट्रेस एग्जाम की चर्चा चल रही है और माना जा रहा है कि ये अगले शिक्षण सत्र से लागू हो जाएगा।
जेईई एग्जाम के मौजूदा पैटर्न पर बदलाव की चर्चा काफी वक्त से चल रही थी। पिछले साल कोशिश की जा रही थी कि एक साल बाद इसे लागू कर दिया जाए। इस प्रस्ताव के मुताबिक, जेईई मेन्स की जगह नेशनल ऐप्टिट्यूटड टेस्ट हो, जिससे स्टूडेंट्स शॉर्टलिस्ट किए जाएं। जिसके बाद शॉर्टलिस्टेड स्टूडेंट्स के लिए जेईई का सिंगल लेयर एग्जाम हो जिसके स्कोर पर उन्हें आईआईटी या एनआईटी में एडमिशन मिले। इस नेशनल एप्टिट्यूड टेस्ट को यूएस में कॉलेज एडमिशन के लिए होने वाले एसएटी की तर्ज पर करने का प्रस्ताव था।
दरअसल इस टेस्ट के जरिए छात्रों के इंजीनियरिंग एप्टीट्यूड और उनकी स्कील्स को परखाने की योजना थी। इंजीनियरिंग एप्टीट्यूड टेस्ट पूर्व एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी का ब्रेन चाइल्ड माना जाता है। स्मृति ईरानी के वक्त इस टेस्ट को लागू करने के लिए सक्रियता से काम किया गया था। हालांकि फिलहाल के लिए इस ऐप्टिट्यूड टेस्ट के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।