लोन घोटाले में IDBI BANK के CMD भी विजय माल्या के साथ शामिल

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान पाया कि शराब कारोबारी विजय माल्या और आइडीबीआइ बैंक के तत्कालीन सीएमडी ने आपराधिक साजिश रच के करोड़ों के कर्ज का गोलमाल किया। इन दोनों ने एक साथ 'छुट्टी' मनाईं और उसके तुरंत बाद ही आनन-फानन में आइडीबीआइ बैंक ने किंगफिशर एयरलाइंस की खस्ता हालत के बावजूद उसे 350 करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया।

आइडीबीआइ बैंक ने विजय माल्या की एयरलाइंस को कुल 860.92 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। जिसे माल्या ने कभी नहीं चुकाया। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि छुट्टी के दौरान माल्या और आइडीबीआइ बैंक के तत्कालीन सीएमडी योगेश अग्रवाल की मुलाकात साफ तौर पर दाल में काले की तस्वीर दिखा रही है।

इसी के तुरंत बाद 7 अक्टूबर, 2009 को 150 करोड़ रुपये और 4 नवंबर, 2009 को 200 करोड़ रुपये बतौर कर्ज दे दिए। पूर्व सीएमडी अग्रवाल ने पूछताछ में बताया कि माल्या ने उसको सूचित किया था कि बेहद जरूरी काम से वह अगले दिन शाम को मुंबई से बाहर जा रहे हैं।

इसलिए अगर वह छुट्टी के दिन भी उनसे मिल सके तो वह आभारी रहेंगे। अग्रवाल इसके लिए राजी हो गए और अगले दिन उन्होंने एक पूर्व एमडी, बैंक के मौजूदा सलाहकार और आइडीबीआइ के अधिशासी निदेशक की उपस्थिति में माल्या के साथ पूरे दिन बातचीत की।

अग्रवाल ने अपने बयान में कहा है कि माल्या ने कहा कि था कि उनकी किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी में रकम की बेहद तंगी आ गई है और एयरलाइंस के विमानों को लगातार उड़ान पर रखने के लिए उन्हें और रुपयों की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाल ही में सीबीआइ ने अग्रवाल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।

जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच करते हुए पाया कि बैंक की ओर से कर्ज के ढांचे और इस कर्ज के ढांचे के पुनर्गठन को लेकर नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। पहले से ही कथित रूप से कंगाल माल्या और उसकी किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी का इस कर्ज को चुकाने का कोई इरादा था ही नहीं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!