नई दिल्ली। पार्टी की बेरूखी और नजरअंदाज किए जाने से दुखी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मत्री एसएम कृष्णा ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए राजनीति से सन्यास ले लिया है। कृष्णा ने इस्तीफा देने के बाद पार्टी पर आरोप लगाया कि उसे निष्ठावान नेता नहीं बल्कि मैनेजर्स चाहिए।
कृष्णा ने अपने इस कदम के बाद रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे इस बात का दुख हुआ कि किस तरह कांग्रेस ने अपने निष्ठावान नेताओं को साइडलाइन किया। पार्टी ने मुझे भी उम्र का हवाला देते हुए मेरे साथ भी यही किया। आज कांग्रेस को जननेताओं की नहीं बल्कि मैनेजर्स की जरूरत है जो परिस्थिति को संभाल सकें।
उन्होंने आगे कहा कि उम्र सिर्फ दिमाग की सोच है लेकिन यह इस बात को तय करने का आधार नहीं होना चाहिए कि परिस्थिति क्या चाहती है। बता दें कि 85 वर्षीय कांग्रेस नेता ने शनिवार को अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया था। सोनिया को लिखे पत्र में कृष्णा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मुक्त किए जाने की मांग की है।
कृष्णा को पिछले काफी समय से कर्नाटक कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रही थी, जिससे वह नाराज चल रहे थे। वह कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के रवैए से नाराज हैं। कृष्णा 1968 में पहली बार सांसद बने थे। वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों के साथ काम कर चुके हैं। 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत दिलाई और फिर 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। कृष्णा महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं।