भोपाल। शिवराज सरकार दलित छात्रों के लिए संचालित शासकीय छात्रावासों का निजीकरण करने जा रही है। सबसे पहले भोपाल के दो हॉस्टल समेत इंदौर, रायसेन और विदिशा के अनुसूचित जाति हॉस्टलों को निजी हाथों में देने की तैयारी है। यदि प्रयोग सफल रहा और विरोध ना हुआ तो सारे प्रदेश के छात्रावासों का निजीकरण हो जाएगा।
शुरुआत में पांच हॉस्टल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिए जा रहे हैं। यह प्रयोग सफल रहता है तो चरणबद्ध तरीके से बाकी हॉस्टल प्राइवेट पार्टनरशिप में दिए जाएंगे। हॉस्टल को प्राइवेट संस्था को देने के लिए विभाग जल्द ही टेंडर प्रक्रिया जारी करेगा। निजी क्षेत्र को हॉस्टल सौंपने के बाद भी कलेक्टर व अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे।
भोपाल के दो हॉस्टल में 50 सीटर श्यामला हिल्स स्थित शासकीय अांबेडकर कॉलेज हॉस्टल और शासकीय कॉलेज हॉस्टल कटारा हिल्स शामिल हैं। बाकी हॉस्टल में इंदौर के एबी रोड स्थित शासकीय चंद्रशेखर कॉलेज (ब्वायज) हॉस्टल, रायसेन का जिला स्तरीय उत्कृष्ट सीनियर ब्वायज हॉस्टल तथा विदिशा का सीनियर हॉस्टल (नवीन टीलाखेड़ी) शामिल है। वर्तमान सरकारी हॉस्टलों में हर साल 21 लाख रुपए खर्च होते हैं। ओपन टेंडर के जरिए उन लोगों को मौका दिया जाएगा, जिन्हें शिक्षा व हॉस्टल संचालन के क्षेत्र में पूर्व से अनुभव हो।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ हॉस्टल को प्राइवेट पार्टनरशिप में संचालित करेंगे। इससे छात्रों को लाभ होने के साथ-साथ एक हॉस्टल की स्थिति और बेहतर होगी। हॉस्टल्स के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।’
अशोक शाह, प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति विभाग