विनोद एम. नागवंशी/छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकास खंड से 55 किमी दूरी पर स्थित अन्होंनी गरम कुंड प्राकर्तिक कारणों से वर्षभर खोलता हुआ गरम पानी मिलता है। स्थानीय लोग ऐसे दैविक कारण बताते है। वही वैज्ञानिक कारण मंदिर स्थल के नीचे जमीन में सल्फर की प्रचुर मात्रा है। जिसके होने से पानी में उबाल आना बताया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गर्म पानी के कुंड में स्नान करने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। लोगों की मदद के लिए ग्रामीणों ने यहां पर कुंड के पास अन्होंनी माता तथा हनुमान मंदिर स्थापित किया है। यही वजह है कि गर्म पानी के नाम से यह कुंड दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।
मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को यहां पर सातदिवसीय विशाल मेला आयोजित किया जाता है। मेले में शामिल होने के लिए नागपुर, होशंगाबाद, नरिसंहपुर, जबलपुर तथा अन्य स्थानों के लोग बड़ी संख्या में यहाँ आते है। संक्रांति के दिन प्रात: काल से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अनहोनी गरम कुण्ड पहिचे है और यहाँ बने कुण्ड में अभ्यंग स्नान करते नजर आते हैं। ऐसी मान्यता है की संक्रांति के दिन भगवान शंकर, माता पार्वती, और माँ अन्होंनी के दर्शन कर उन्हें तिल के लडुओं व खिचड़ी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
कुंड का पानी चमत्कारिक
यहाँ ऐसे चमत्कारिक कुंड है जिसमें नहाने से सभी चर्मरोग दूर हो जाते हैं. सालभर हर मौसम में इस कुंड का पानी गर्म रहता है। यही वजह है कि गर्म पानी के नाम से यह कुंड दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। जीर्णोद्धार के बाद यह स्थान अब पर्यटक स्थल का रूप ले चुका है। गरम पानी कुंड के चारों तरफ हरे-भरे घने जंगल हैं जिसके चलते यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। प्राकृतिक सौंदर्यता से भरपूर और सर्दी के मौसम में प्राकृतिक गरम पानी से नहाने की चाहत यहां हर किसी को खींच लाती है। ऐसी मान्यता है कि गर्म पानी के कुंड में स्नान करने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है.प्राकृतिक गरम पानी कुंड की खासियत से डॉक्टर खुद हैरान हैं, लेकिन चमत्कार जैसे दावों को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं |भोपाल के डॉक्टर भोजराज पटेल की मानें तो कुंड के पानी में सल्फर की प्रचुर मात्रा है, जिसकी वजह से यहां का पानी हमेशा गरम रहता है और सल्फर की वजह से चर्मरोगी पीड़ित राहत महसूस करते हैं.
कैसे पहुंचे अन्होंनी कुण्ड
प्राकर्तिक रुप से बने इस स्थल का नजारा देखने के लिए बस, रेल और हवाई यात्रा का साधन
अपनाया जा सकता है। अनहोनी गर्म कुण्ड पहुचने के लिए जुनारदेव, परासिया, पिपरिया तथा छिंदवाड़ा से रेल एवं सड़क मार्ग से पंहुचा जा सकता है तथा हवाई साधन के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट नागपुर, जबलपुर और भोपाल है। पिपरिया से 40 किमी, तामिया से लगभग 52 किमी, झिरपा से 12 किमी, चावलपानी से 13 और मटकुली से 18 किमी. दूर स्थित अनहोनी पंचायत चावलपानी मार्ग पर स्थित है। मुख मार्ग से 5 किमी अंदर वन्य सीमा पर स्थितt यह धार्मिक स्थित कई सालों से आस्था का केंद्र बना हुआ है।
नजदीकी पर्यटन स्थल-
अनहोनी गर्म कुण्ड के नजारे के साथ-साथ घोगरा वाटर फॉल, तामिया छोटा महादेव ,सतधारा,पातालकोट, देवरानी दाई, सिमरिया हनुमान मंदिर,देवगढ़ किला,चौरागढ़, जुनारसेव पहली पायरी, गुफा महादेव, पंचमढ़ी आदि का भी आनंद लिया जा सकता है।
प्रशासन ने की सुरक्षा व्यवस्थाएं
मेले में रहने वाली बेताहसा और बेतरतीव भीड़ का फायदा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रतिबर्ष उठाया जाता है| मेला में आने जाने बाले दर्शको को चाहिए की वह कीमती जेवर पहनकर मेला कदापि न आये और सावधानी के साथ आपने सामानो की सुरक्षा स्वयं करे | किसी भी प्रकार की असामाजिक तत्त्व ज्ञात हो तो स्थानीय पुलिस, मेला प्रभारी, और समिति के सदस्यों को सुचना दें | हलाकि यहाँ पर पुलिस विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अस्थाई तोर पर एक चौकी बनाई जाती हैं जो यहाँ होने वाली छुटपुट घटनाओं और विवादों का निपटारा करती है|
यहाँ करे शिकायत:
थाना प्रभारी-
डायल 100 सेवा-100
इनका कहना हैं-
“अनहोनी गरम कुण्ड में देवी की महिमा का प्रताप और ओषधियाँ गुण दोनों मौजूद हैं| इस जलधारा से स्नान करने से चार्म रोग से निदान मिलता है | देवी माँ का दर्शन, पूजन और आशीष लेने आया हूँ|”
-इंजी. विनोद एम नागवंशी
अनहोनी कुंड के पानी में सल्फर की प्रचुर मात्रा है, जिसकी वजह से यहां का पानी हमेशा गरम रहता है और सल्फर की वजह से चर्मरोगी पीड़ित राहत महसूस करते हैं|
-डॉ. भोजराज पटेल