नई दिल्ली। केंद्र सरकार के विभाग में काम करने वाले एक कर्मी को दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत दी है। केंद्रीय कर्मी (कैजुअल) की आंख में चोट के कारण अनफिट करार देकर 6 साल तक वेतन नहीं दिए जाने के मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कर्मचारी को छह साल के 50 फीसदी वेतन का भुगतान करे। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस सिस्तानी और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच के सामने यह मामला आया।
अदालत ने कहा कि नौकरी के दौरान ही याचिकाकर्ता को आंख में चोट लगी थी और वह अनफिट कर दिया गया था। बाद में मेडिकल हुआ और उसे फिट घोषित किया गया। ऐसे में साफ है कि उसे काम से रोका गया, जबकि उसकी कोई गलती नहीं थी। अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि साल 1989 से लेकर 1995 के दौरान के वेतन का 50 फीसदी याचिकाकर्ता अयोध्या प्रसाद को दो महीने के अंदर भुगतान किया जाए। अगर इस दौरान भुगतान नहीं किया जाता तो 6 फीसदी ब्याज सहित भुगतान करना होगा।
याचिकाकर्ता के वकील नवीन शर्मा ने हाई कोर्ट में कैट के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की थी। याचिका के मुताबिक अयोध्या प्रसाद कैजुअल स्टाफ था। 1977 से वह टेंपररी बेसिस पर कार्यरत था। 30 अगस्त 1985 को नौकरी के दौरान ही उसकी आंख में चोट लगी। इसी बीच रेगुलर करने को लेकर मेडिकल हुआ और उसे अनफिट घोषित कर दिया गया। 31 जनवरी 1989 को उसे नौकरी से हटा दिया गया।