उत्तराखंड में जीत के लिए भाई-भतीजा, दलबदलू-गद्दार सबको टिकट

UK ELECTION NEWS/ देहरादून। उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपने ही सारे सिद्धांतों को किनारे रख दिया है। 4 दिन पहले मोदी ने परिवार/रिश्तेदारों को टिकट ना देने की बात कही थी और यहां भाई भतीजों का पर्याप्त ध्यान रखा। इतना ही नहीं अपनी सरकार गिराने के लिए बीजेपी के साथ आ मिले कांग्रेसी नेताओं को भी टिकट दिए गए हैं। प्रदेश के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से लेकर 7 घंटे पहले ही बीजेपी में शामिल हुए यशपाल आर्य को भी ससम्मान टिकट सौंपा गया। इतना ही नहीं उनके बेटे ​बेटियों को भी टिकट बांटा गया है। 

जहां विजय बहुगुणा की सीट रही सितारगंज से उनके बेटे सौरभ बहुगुणा को टिकट दिया गया है। वहीं, कभी कांग्रेसी सीएम हरीश रावत के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले यशपाल आर्य व उनके बेटे संजीव का भी टिकट देकर स्वागत किया गया है। यशपाल आर्य को जहां उनकी वर्तमान सीट बाजपुर ही दी गई है तो संजीव पर नैनीताल से भरोसा जताया गया है। बता दें कि फिलहाल, नैनीताल से कांग्रेस की सरिता आर्य विधायक हैं। 

ये तो रही दलबदलुओं की बात, जिनके बच्चों को बीजेपी से टिकट दिया गया है। तो ऐसे में बीजेपी अपने दिग्गज नेताओं को कैसे नाखुश कर सकती थी। इसलिए यमकेश्वर सीट से पूर्व सीएम व वर्तमान पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी की बेटी ऋतू खंडूरी पर विश्वास जताया गया है। 

एक नज़र दलबदलुओं को मिले टिकट पर-
सितारगंज से सौरभ बहुगुणा (विजय बहुगुणा के बेटे)
नैनीताल से संजीव आर्य (यशपाल आर्य के बेटे)
बाजपुर से यशपाल आर्य
यमुनोत्री से केदार सिंह रावत
केदारनाथ से शैलारानी रावत
कोटद्वार से हरक सिंह रावत
रायपुर से उमेश शर्मा काऊ
कर्णप्रयाग से सुरेंद्र सिंह नेगी
रुड़की से प्रदीप बत्रा
सोमेश्वर से रेखा आर्य

भाजपा चली परिवारवाद की ओर
आजतक परिवारवाद पर कटाक्ष करने वाली भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट के साथ ही ये दर्शा दिया है कि वो भी अब परिवारवाद की ओर निकल चली है। फिर चाहे ये फैसला बीजेपी ने बड़े नेताओं को खुश करने के लिए ही लिया हो लेकिन इस रेस में बीजेपी शामिल हो ही गई है। वहीं, अभी मंगलवार तक दूसरी और फाइनल लिस्ट जारी होने के साथ ही ये भी फाइनल हो जाएगा कि इस रेस में और कितने नाम अभी बाकी है।

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