
अनोखी बात ये है कि इस मंदिर में शानिदेव के ऊपर तेल चढ़ाना, प्रसाद चढ़ाना और घंटी बजाना मना है। शराबियों का प्रवेश, तम्बाकू और खैनी खाना, थूकना इस मंदिर में घृणित काम की श्रेणी में रखे गये हैं।
भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए इस व्यक्ति ने एक मंदिर का निर्माण करवाया है। इस मंदिर में मूर्तियों को भी किसी तर्क के साथ लगाया गया है। शनिदेव की तीन मूर्तियों और ब्रह्मा जी की मूर्ति को ऐसे रखा गया है कि ब्रह्मा जी शनिदेव को देख रहे हैं। साथ ही मंदिर में एक मूर्ति हनुमान जी की भी लगाई गई है।
भगवान की मूर्तियों के अलावा मंदिर में अधिकारियों, मंत्रियों, नेताओं और इलाहाबाद न्यायालय के न्यायाधीशों की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। ये तस्वीरें इस तरह से लगाई गई हैं कि देखने वालों को ऐसा प्रतीत होता है कि शनिदेव की सीधी नजर इन पर है। इसका मकसद ये है कि ऐसे अधिकारी जनता विरोधी फैसले लेने से पहले शानिदेव के गुस्से का शिकार होने से डरें।
इस मंदिर में भ्रष्ट लोगों का बहिष्कार कर ये दिखाया जा रहा है कि चाहे कितना भी बड़ा अधिकारी हो, भगवान के सामने उसकी भ्रष्टता माफ नहीं होती।