
करीब तीन महीने से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को लेकर के विवाद चल रहा था लेकिन यह विवाद उस वक्त और गहरा गया जब 1 जनवरी को प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने अधिवेशन बुलाकर मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह अखिलेश यादव को अध्यक्ष बना दिया। तब से कई बार समझौते की कोशिश हो चुकी है, पर सुलह नहीं हो पाई थी।
आयोग से बाहर निकल कर अखिलेश गुट के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि नेताजी हमारे संरक्षक हैं। आयोग के फैसले में सुलह की उम्मीद से सपा में हलचल बढ़ गई है। मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच चुनाव आयोग में रखी गई दलीलों के बाद समाजवादी पार्टी के सिंबल पर फैसला 16 जनवरी को सुनाया जाएगा।
अखिलेश गुट के वकील राजीव धवन ने कहा है कि कमीशन के सामने एक ही प्रश्न था कि बहुमत है या नहीं। हमने कमीशन से कहा कि आर्टिकल 15 को फॉलो करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट नें भी कई बार सिंबल के केस में इसे ही फॉलो किया है। मुलायम सिंह गुट की तरफ से विभाजन ना होने के तर्क पर कहा गया कि अमर सिंह ने जो 4 जनवरी को चिट्ठी लिखी थी, उसमें पार्टी के विभाजन की बात साफ तौर पर लिखी है।
अब चुनाव आयोग पार्टी और चुनाव चिन्ह पर फैसला लेगा। अब दो दिन अवकाश है, लेकिन चुनाव आयोग का फैसला अवकाश वाले दिन भी आ सकता है, लेकिन सोमवार फैसला आ जाने की संभावना है, क्योंकि 17 जनवरी से नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।