नाबालिग मुस्लिम लड़की से सेक्स रेप नहीं होता: हाईकोर्ट

मुंबई। वैसे तो देश में दुष्‍कर्म के आरोपियों को कड़ी सजा प्रावधान है लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ में शादी के लिए उम्र की सीमा नहीं होती। मुस्लिम समुदाय की लड़की यौवन प्राप्‍त करने के बाद शादी कर सकती है। अत: ऐसे में लवमैरिज के बाद बने संबंध रेप नहीं कहे जा सकते। यह कहते हुए पोक्‍सो एक्‍ट कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोपी को रिहा कर दिया है। उसे आजाद करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी को नाबालिग की उम्र का पता नहीं था।

एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार पोक्‍सो एक्‍ट कोर्ट ने 24 वर्षीय व्‍यापारी को एक 17 वर्ष की नाबालिग के अपहरण और दुष्‍कर्म के मामले में रिहा कर दिया है। अदालत ने यह कहते हुए आरोपी को रिहा किया कि उसे शादी करते वक्‍त पीड़‍िता की उम्र का अंदाजा नहीं था। अदालत ने प्रॉसिक्‍यूशन की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि भले ही यौन संबंध सहमति से बने हों लेकिन लड़की अगर नाबालिग है तो स्‍पेशल एक्‍ट के तहत इसे दुष्‍कर्म के अपराध के रूप में देखा जाता है।

कोर्ट ने लड़की के उस बयान को आधार बनाया है जिसमें उसने कहा है कि आरोपी को उसकी उम्र का पता नहीं था। अदालत ने कहा, पीड़‍िता 17-18 वर्ष के बीच की है जो कॉलेज जाती है। वो यह जानती थी कि वो जो यौन संबंध बना रही है और उसके साथ जो हो रहा है असल में वह क्‍या है। इसलिए आरोपी द्वारा उसकी सहमति से यौन संबंध बनाना रेप के रूप में नहीं देख जा सकता।

अदालत ने आगे कहा कि आरोपी और पीड़‍िता दोनों ही मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन हैं और इसके अनुसार शादी के लिए उम्र की सीमा नहीं होती। मुस्लिम समुदाय की यह लड़की यौवन प्राप्‍त करने के बाद शादी कर सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अपहरण और रेप की शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी पीड़‍िता की मां ने इस शादी को मंजूरी दी थी।

बता दें कि 11 अप्रैल 2014 को लड़की की मां ने गामदेवी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी बेटी कॉलेज से घर नहीं लौटी। लड़की की सहेलियों ने बताया कि उन्‍होंने उसे दोपहर में कॉलेज कैंपस में देखा था। उसी दिन लड़की की अन्‍य सहपाठियों ने बताया कि उस लड़की का किसी से अफेयर चल रहा था जो उससे अक्‍सर मिलने आता था। वह दोनों शादी करना चाहते थे। यह दोनों ही घर से भाग गए थे और शादी करने के बाद घर लौटे थे। उनके आने के बाद लड़की की मां ने उन दोनों की शादी रजिस्‍टर भी करवाई थी।

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