
श्री यादव ने कहा है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में मध्यप्रदेश कैसे सर्वश्रेष्ठ हुआ इसका खुलासा मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के आंकड़ों को ध्यानपूर्वक देखा जाये तो हकीकत सामने आ जायेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर का आंकड़ा प्रति एक लाख पर 125 था। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी यह आंकड़ा पूर्व की तरह 125 प्रति लाख बना हुआ है। शिशु मृत्युदर जहां 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रति हजार 40 थी, वह 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी 40 बनी हुई है।
हालात जस के तस होने के बावजूद मध्यप्रदेश किस तरह देश में अव्वल आ रहा है, इसकी जांच प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को कराना चाहिये। केन्द्र में बैठे वे कौन लोग हैं जो मध्यप्रदेश पर विशेष तौर पर मेहरबान हैं और उपलब्धि हासिल करने वाले वास्तविक राज्यों से अन्याय करने पर आमादा हैं, जांच में इस बिंदु को प्रधानमंत्री जरूर शामिल करें।
श्री यादव ने कहा है मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा के हाल बेहद बुरे हैं। पिछले 13 सालों से भाजपा का यहां शासन है। मुख्यमंत्री पद पर पिछले 11 सालों से श्री शिवराज सिंह चौहान विराजमान हैं। वे केवल शिगूफेबाजी करते हैं। आंकड़ों की जुगाली करते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के मोर्चे पर राज्य की स्थितियां वास्तव में बद से बदतर होती जा रही हैं। इनमें सुधार की बजाय जुगाड़बाजी से मुख्यमंत्री पुरस्कार पर पुरस्कार हासिल कर प्रदेशवासियों को भ्रमित कर अपनी राजनीति चला रहे हैं।