
अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद माना कि महिला के साथ ज्यादती हुई और नौकरी जाने से भी नुकसान हुआ। उसे इसके लिए कंपनी को मुआवजा देना होगा। शिकायत करने वाली महिला आईपी इंफ्यूजन सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत थी, जहां सीनियर मैनेजर (एचआर) भरत चंद्रशेखर ने उसका यौन शोषण किया। इसको लेकर उसने कंपनी की आतंरिक कमैटी में शिकायत की लेकिन उसकी शिकायत को कंपनी ने खारिज कर दिया जिसके बाद उसने राज्य श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि मैनेजर उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर नेल पॉलिश की तारीफ करते हुए गलत तरीके से अंगुलियां फिराता था।
मामले की सुनवाई करते हुए 27 दिसंबर को अतिरिक्त श्रम आयुक्त ने कंपनी को चंद्रशेखर के सैलरी में बढ़ोतरी और दूसरे लाभों पर तीन साल के लिए रोक लगा दी और उसकी सैलरी से पांच साल तक 50 हजार रुपए महिला कर्मचारी को देने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया है कि अगर चंद्रशेखर कंपनी को छोड़ देता है तो कंपनी द्वारा उसके वेतन से काटे गए हिस्से से महिला को पैसा दे या फिर खुद उसे पैसा दे। महिला कर्मचारी कंपनी में 30 हजार रुपए प्रति महीना की सैलरी पर काम कर रही थी, जबकि करीब डेढ़ साल पहले 2015 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके बाद महिला ने श्रम विभाग का रुख किया और अपने लिए इंसाफ की मांग की। मामले को सुनने को बाद श्रम आयुक्त ने ये फैसला दिया।