
माणिकबाग में रहने वाले काजू कारोबारी फैजल इब्राहिम ने बताया कि 27 फरवरी को वह सांघी ब्रदर्स के शोरूम में लैंडरोवर की डिस्कवरी स्पोर्ट्स मॉडल की लग्जरी कार खरीदने पहुंचे। उसकी कीमत 65 लाख रुपए थी, जबकि आरटीओ और बीमा मिलाकर वह 73 लाख में पड़ी। बुकिंग करते समय कंपनी को एडवांस में 11 लाख रुपए दिए। 5-6 दिन बाद कार मिलने पर कंपनी को बाकी के रुपए भी दे दिए। 30 लाख रुपए बैंक से लोन लिए। बिल पर कार का मैन्यूफैक्चरिंग ईयर नहीं लिखा था।
मैनेजर नदीम खान ने बताया कि कार 2016 मॉडल की है। उस पर विश्वास कर कार घर ले आए। चार दिन बाद आरटीओ का कवर नोट आया तो उस पर मैन्यूफैक्चरिंग ईयर 2015 लिखा था। यह देख जब सांघी ब्रदर्स पर बात की तो उन्होंने कहा इस बारे में हम कार कंपनी से बात कर कर रहे हैं। आरटीओ का फॉर्म 20 आया तो उसमें भी कार का मॉडल 2015 लिखा था। हमने फिर मैनेजर से चर्चा की, उसने फिर वहीं बात कहा कि कंपनी से बात चल रही है। अभी आप रजिस्ट्रेशन करा लें। फैजल के मुताबिक उन्होंने सांघी ब्रदर्स के मालिक शरद सांघी से भी बात की। उन्होंने भी आश्वासन दिया कि कंपनी से बात करने के बाद जो भी बेहतर होगा, वह करेंगे।
दस माह तक घूमती रही फाइल, केस दर्ज किया तो मैनेजर पर
फैजल के मुताबिक, दो माह तक मैनेजर व मालिक शरद कार के मॉडल को लेकर मुझे घुमाते रहे। मई में जब नदीम और शरद से बात हुई तो वह क्षतिपूर्ति देने को कहने लगे। मैंने क्षतिपूर्ति में दस लाख रुपए की मांग की, लेकिन दोनों आनाकानी करने लगे। मई में कार सांघी ब्रदर्स में खड़ी कर मैंने सीएसपी संयोगितागंज से शिकायत की। उन्होंने जांच के बाद पलासिया थाने में दोनों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए, लेकिन टीआई ने सीएसपी की रिपोर्ट एसपी के पास भेज दिया।
एसपी ने रिपोर्ट देखी और सीएसपी की जांच को सही बताते हुए टीआई को फिर से फाइल लौटाई और कहा कि केस दर्ज किया जाए। इसके बावजूद टीआई ने केस दर्ज नहीं किया। दस माह तक फाइल इधर-उधर होती रही। जब डीआईजी से शिकायत हुई तो केस दर्ज हुआ, पर उसमें शरद सांघी को आरोपी नहीं बनाया गया। फैजल का आरोप है कि मैनेजर और शरद के बीच कार की डील हुई थी। इस धोखाधड़ी में जितना मैनेजर जिम्मेदार है, उतना ही शरद सांघी भी।
कोर्ट में लगा रखा है ब्लैकमेलिंग का केस
फैजल के आरोप झूठे हैं। मेरी आज तक डील को लेकर उनसे बात नहीं हुई। मैनेजर ने डील के समय ही सारी बातें स्पष्ट कर दी थीं। फैजल ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं। उन्होंने दो माह तक कार भी चलाई। उसके बाद फैजल ने कार के मॉडल को लेकर ब्लैकमेलिंग की। चार माह पहले कोर्ट में इसको लेकर शिकायत भी की गई है।
शरद सांघी, सांघी ब्रदर्स के मालिक