
ब्याज दरों में कटौती की थी आशंका:
कर्मचारी भविष्य निधि की आज होने वाली बैठक से पहले सरकार ने यह आशंका जताई थी कि ईपीएफ की मौजूदा ब्याज दरों को बरकरार रखना संभव नहीं है, जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।
श्रम मंत्रालय ने बताया था कि मौजूदा दरों को बरकरार रखना संभव नहीं है, क्योंकि साल 2015-16 की अवधि के दौरान रिटायरमेंट बॉडी को 8.8% फीसदी का रिटर्न प्रदान करने के बाद सिर्फ 409 करोड़ रुपए के अधिशेष के साथ छोड़ दिया गया था, जो कि बीते साल 1,640 करोड़ रुपए रहा था। वहीं मंत्रालय का यह भी कहना है कि ब्याद की मौजूदा दर को बरकरार रखना इस मौजूदा कम ब्याज दर वाली व्यवस्था में तर्कसंगत नहीं है।