
रमेश थेटे ने बताया कि राधेश्याम जुलानिया ने उनके साथ जातिगत भेदभाव करने के अलावा उन अधिकारों का हनन किया है, जो उनके पूर्ववर्ती अधिकारियों को उनकी पदस्थापना से पहले हासिल थे। रमेश थेटे का कहना है कि शासन स्तर पर कई बार राधेश्याम जुलानिया की शिकायत की गयी, लेकिन न्याय नहीं मिल पाया। इस कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। रमेश थेटे का कहना है कि उन्होंने राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ Atrocity की धारा 1/9/8/13 के तहत मामला दर्ज कराने का शिकायती आवेदन हबीबगंज थाने में सौंपा है।
कुल मिलाकर सचिव और सीनियर स्तर के 2 आईएएस अधिकारी बाबुओं की तरह लड़ रहे हैं और सिर्फ लड़ रहे हैं। एसोसिएशन भी मामले का तमाशा बनने से नहीं रोक पा रही है। अजीब बात यह है कि मुख्य सचिव भी तमाशबीन है। यदि आईएएस कैडर की स्थिति यह हो गई है तो फिर...।