
राज्य मंत्री श्री सारंग ने कहा कि फसल बीमा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। सभी जिला बैंक और पैक्स में इसके प्रचार के लिये डिस्प्ले लगाये जायें। उन्होंने कहा कि किसानों को दी जाने वाली रसीद में यह स्पष्ट बताया जाये कि किस फसल के लिये उनका बीमा किया गया है और उसके क्लेम की प्रक्रिया क्या है। उन्होंने कहा कि किसानों को क्लेम लेने में दिक्कत न हो, इसके लिये यह जरूरी है कि बोनी के बाद फसलों का भौतिक सत्यापन किया जाये। उन्होंने कहा कि फसल बीमा के प्रीमियम की राशि किसानों की अंश-पूँजी में से न काटी जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों को उर्वरक व्यवस्था के बारे में जानकारी दें।
श्री सारंग ने बताया कि शीघ्र ही सभी जिला बैंकों में प्रशिक्षित स्टाफ रखने के लिये भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। भर्ती इण्डियन बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन बोर्ड द्वारा की जायेगी। श्री सारंग ने बताया कि लगभग 2300 कर्मियों की भर्ती होगी। इससे हमारी जिला सहकारी बैंक कॉमर्शियल बैंकों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगी और बेहतर सेवाएँ देने के साथ ही कामकाज में पारदर्शित आयेगी। श्री सारंग ने समिति के सदस्यों से आग्रह किया कि वे निरंतर फसल बीमा, सहकारी बैंक, पैक्स, खाद-बीज की बिक्री आदि के संबंध में उन्हें सुझाव देते रहें, ताकि विभागीय स्तर पर तत्परता के साथ कार्यवाही हो।
बैठक में विधायकों ने अपने सुझाव भी दिये, जिस पर श्री सारंग ने तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। बैठक में प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी, आयुक्त सहकारिता श्री कवीन्द्र कियावत, एम.डी. मार्कफेड श्री बी.के. शर्मा और प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री प्रदीप नीखरा उपस्थित थे।