
मंडी प्रांगण में ही किसानो के खाने पीने की व्यस्था भी रखी गई थी लेकिन कचरा डालने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी। सभी ने भोजन कर खाली डब्बे मंडी परिसर में ही छोड़ दिए। कलेक्टर जब भोजन करने के स्थान पे पहुचे तो इधर उधर पड़े डब्बे देख भड़क गए। अनानं फानन में अधिकारियो ने कचरे की गाडी बुलाई जिसके बाद कलेक्टर खुद ही खाने के जूठे डब्बे उठाने लगे।
कलेक्टर तेजस्वी एस नायक को जूठे खाने के डब्बे उठाते देख अन्य अधिकारी भी शर्मिंदगी के कारण डब्बे उठाने लगे। लेकिन अधिकारियो को इससे सबक लेना चाहिए की इतने बड़े आयोजन में कम से कम अधिकारियो को इस बात का ध्यान तो रखना चाहिए था। मेले के बाद एसडीएम ने अधिकारियो से जवाब तालाब किया।