
कलेक्टर के जाते ही व्यवस्थाएं जस की तस पसर जाती है। कलेक्टर की जनसुनवाई में दो सैकडा शिकायत पहुॅच रही है। जिनका निराकरण के लिये संबंधित अधिकारी कर्मचारी को निर्देशित किया जा रहा है। निराकरण के लिये लेकिन विभागीय अधिकारी कर्मचारी के हौसले इतने बुलंद है कि कलेक्टर के आदेश को नजर अंदाज करके गटर मस्ती कर रहे है। जिसकी मुख्य बजह मानी जा रही है भाजपा नेताओ का खुला संरक्षण। इस प्रकार वही शिकायत पुनः जनसुनवाई में पहुॅच रही है। निराकरण नामामत्र का किया जा रहा है। स्वच्छ शौचालय निमार्ण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।