
नोटिस में कहा गया है कि रोजगार के अवसर बढ़ाने और एक्पोर्ट सेक्टर को मजबूत करने को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। सूचना में कहा गया है कि लेबर कानूनों के आसान बनाने को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है।
15000 रुपए प्रतिमाह से कम वेतन वालों को मिलेगा फायदा
इस नए बदलाव के बाद से अब 15 हजार रुपए प्रति माह से कम वेतन पाने वाले कर्मचारी के अपना पीएफ कटवाने या न कटवाने का विकल्प होगा। यानी उसे पीएफ कटवाना जरूरी नहीं होगा। कंपनी अब कर्मचारी की सहमति मिलने के बाद ही उसके वेतन से पीएफ काट सकेगी। यह बदलाव अभी मुख्य रूप से एक्पोर्ट इंडस्ट्री के लिए लागू होगा।
लेकिन इससे कर्मचारियों को एक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। लाइवमिंट के अनुसार, पीएफ के साथ कर्मचारियों को जो पेशन स्कीम का लाभ मिलता है वह पीएफ न कटने की वजह से नहीं मिल पाएगा। अभी यह सुविधा है कि जिन लोगों का पीएफ कट रहा है उन्हें 60 साल का होने के बाद पेंशन के रूप में एक निश्चित रकम देने की व्यवस्था है। यह पेंशन पीएफ न कटाने वाले कर्मचारियों को नहीं मिलेगी।
खबर में ऐसा भी कहा गया है कि मंत्रिमंडल के नए निर्देश के बाद श्रम मंत्रालय अब पीएफ एक्ट में बदलाव कर कम से कम 12 फीसदी पीएफ काटने के नियम को आसान बनाकर कटने वाली फीसदी कम भी कर सकता है। यानी जो कर्मचारी अपना पीएफ कम फीसदी में कटवाना चाहेंगे उनके लिए इस बदलाव से सुविधा हो सकती है।