दिनभर लाइन में लगे है वृद्ध पेंशनर्स, बैंकों के खजाने खाली थे

मुरैना। 1 दिसंबर को सरकारी, प्रायवेट कर्मचारियों व पैंशनर्स के बैंक खातों में सैलरी पहुंची। लेकिन न तो कर्मचारियों को सैलरी मिल पाई और न ही पेंशनर्स को पैंशन मिल पाई। इसकी वजह यह थी कि जिले के अधिकतर कर्मचारियों का खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हैं। लेकिन स्टेट बैंक की मुख्य शाखा सहित उसकी शहर व जिले की सभी बैंकों में कैश ही नहीं था। साथ ही शहर व अंचल के कुछ ही एटीएम में ही रकम थी। उन पर भीड़ लगी हुई थी। जिससे कर्मचारी सैलरी नहीं निकाल पाए। खासबात यह है कि बैंकों के प्रबंधकों का कहना है कि शनिवार से पहले कैश आना भी नहीं है।

उल्लेखनीय है एक दिसंबर को जिले के सभी 50 हजार से अधिक शासकीय कर्मचारियों का वेतन बैंकों के एकाउंट में पहुंच गया। इसी तरह जिले के करीब 1 लाख से अधिक पैंशनर्स की पेंशन भी उनके खातों में पहुंच गई है। लेकिन कर्मचारी व पैंशनर्स बैंकों में पहुंचे। लेकिन उन्हें बैंकों से भुगतान नहीं मिला। कर्मचारी व पैंशनर्स को निराश होकर बैंकों से लौटना पड़ा।

एसबीआई में ही है सभी सेलरी के खातेः जिले के सभी शासकीय कर्मचारियों व पैंशनर्स के खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही है। इसकी वजह यह है कि स्टेट बैंक का राज्य सरकार के साथ टायअप है। इस वजह से जिलों के कोषालय से कर्मचारियों का वेतन सीधे एसबीआई में ट्रांसफर हो जाता है। एसबीआई अपने यहां आई सेलरी को कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर देती है। इसका पूरा साफ्टवेयर है। इससे ऑटोमेटिक तरीके से वेतन खातों में पहुंच जाता है।

प्रायवेट कर्मचारियों को भी नहंी मिला वेतनः शहर की कई प्रायवेट संस्थाएं अपने कर्मचारियों को वेतन बैंक एकाउंट में जाती है। हालांकि ये बैंक अलग अलग हैं। लेकिन शहर सहित अंचल की बैंकों में कैश न पहुंचने से कर्मचारियों का वेतन उनके एकाउंट में पहुंचा। लेकिन ये कर्मचारी भी अपना वेतन नहीं निकाल सके।

मुख्य ब्रांच दे रही थी 4 हजार, अन्य ब्रांचों ने मना कियाः स्टेट बैंक की मुख्य ब्रांच राधिका पैलेश खाता धारकों को केवल चार हजार रुपए ही दे रही थी। इसके अलावा शहर की दो अन्य ब्रांच व जिले की अन्य शाखाओं ने तो सभी लोगों से मना कर दिया कि उनके यहां कैश नहीं है। इसलिए वे भुगतान नहीं करेंगे। ऐसे में एसबीआई मुख्य ब्रांच के सामने ही भीड़ लगी हुई थी।

क्या कहते हैं पैंशनर्स व कर्मचारीः
टीवी व अखबारों में बताया है कि आरबीआई ने बैंकों को कैश भेज दिया है। इसलिए परेशानी नहीं होगी। लेकिन बैंक खाते से पैंशन निकाल ही नहीं पा रहे हैं। घर का पूरा खर्च पैंशन से चलता है। कई लोगों के रुपए भी देने हैं। बैंक वाले सोमवार को आने की कह रहे हैं।
बाबूलाल शर्मा, रिटायर शिक्षक, जींगनी
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बैंक में लाइन में लगे है। हमें जरूरत 20 हजार रुपए की है। लेकिन बैंक वाले कह रहे हैं कि पेंशन तो खाते में आ गई है, लेकिन हम देंगे केवल चार हजार रुपए। ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाएगा।
भरोसी लाल, रिटायर शिक्षक, मुरैना
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बैंक में गए तो पता चला कि कैश नहीं है। इसके बाद एटीएम पर गए तो वहां पर लंबी लाइन लगी थी। हम तो अपना वेतन नहीं निकाल पाए। अब देखते हैं कि सैलरी कब तक निकाल पाते हैं। घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
पुष्पा सिकरवार, पुलिस कर्मी, मुरैना
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स्टेशन रोड वाली एसबीआई में वेतन खाता है। लेकिन वहां पर आज कैश ही नहीं मिला। एटीएम पर गए तो केवल दो हजार रुपए ही निकले। वह भी दो हजार का नोट निकला है। ऐसे में राशन से लेकर दूध वाले का भी भुगतान करना है। काफी मुश्किल हो रही है।
पवन मंगल, कर्मचारी, महिला बाल विकास
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बैंक में कैश नहीं आया है। चालान जमा करने व कुछ लोग बैंक में नई या सौ के नोट जमा करा रहे हैं। उनके रुपयों को ही बांट रहे हैं। इसलिए महज चार हजार रुपए ही एक खाताधारक को दे रहे हैं। शनिवार तक करेंसी आने की उम्मीद है। तभी खाते धारकों को उनके मुताबिक रकम दे पाएंगे।
अखिलेश पटेरिया, प्रबंधक, एसबीआई राधिका पैलेश शाखा

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