इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि तीन तलाक असंवैधानिक है। यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है। कोई पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा, "तीन तलाक क्रूरता है। यह मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोई भी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं हो सकता। यहां तक कि कोर्ट भी संविधान से ऊपर नहीं हो सकता। कुरान में कहा गया है कि जब सुलह के सभी रास्ते बंद हो जाएं तभी तलाक दिया जा सकता है। लेकिन धर्म गुरुओं ने इसकी गलत व्याख्या की है।
बता दें कि तीन तलाक को लेकर देश भर में बहस हो रही है। मोदी सरकार चाहती है कि तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाए लेकिन मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग इसका विरोध कर रहा है।