नईदिल्ली। मोदी के भक्तों में 2 प्रकार के लोग पाए जाए हैं एक अंधभक्त और दूसरे बुद्धिजीवि भक्त। अंधभक्तों पर तो टिप्पणी करना ही समय की बर्बादी है परंतु मोदी ने 8 नवम्बर को जब नोटबंदी का ऐलान किया तो बुद्धिजीवियों ने भी इसका समर्थन किया था। तर्क जुटाकर आम जनता के सामने प्रस्तुत किए थे कि किस तरह नोटबंदी देश के लिए फायदे की बात है लेकिन जैसे जैसे वक्त गुजर रहा है नोटबंदी में पक्षपात सामने आ रहा है। एक बार फिर बाजार पर पूंजीवाद हावी हो गया है और नए नोटों के हजारों बंडल पकड़े जा चुके हैं। स्वभाविक है ये गड्डियां लाइन में लगकर नहीं मिलीं थीं।
नोटबंदी से बेअसर लोगों में काले कारोबारियों के अलावा कई भाजपा नेताओं के नाम भी सामने आए। यहां तक भी ठीक था परंतु अब मोदी के 2 मंत्रियों के नाम भी सामने आए हैं। श्री महेश शर्मा एवं श्री नितिन गडकरी दो ऐसे मंत्री निकले जिनपर नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा। इन्होंने अपने घर में हुए विवाह समारोहों में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए।
इस घटना ने मोदी के उन समर्थकों को भी आहत कर दिया जो मोदी की तरफ उठने वाली हर उंगली को अपने तथ्यों और तर्को से तोड़ दिया करते हैं। मोदी को मजबूत करने वाले बुद्धिजीवियों की फौज में एक नाम है श्री हरिहर निवास शर्मा। संघ के प्रचारक नहीं हैं, परंतु इनका जीवन किसी प्रचारक से कम तापस्य वाला भी नहीं है। परिवार के साथ रहते हुए भी पूर्णकालिक रहे। कोई ऐसा रोजगार नहीं किया जिसके कारण संघ को दिया जाने वाला समय कम पड़ जाए। सिर्फ उतना ही धन अर्जित करते हैं जितना जीवन के लिए अनिवार्य हो। कई बार जब अचानक धन की आवश्यकता पड़ी तो गहने और संपत्त्यिां तक बेच दीं लेकिन संघ की लगन नहीं छूटी। पिछले 2 सालों से सोशल मीडिया पर मोदी की निंदा करने वालों को अंधभक्तों की तरह गालियां नहीं देते लेकिन अपनी विनम्रता के साथ कुछ ऐसा करते हैं कि मोदी विरोधी भी सम्मान में शांत हो जाते हैं। आज ऐसा ही एक ग्रहस्थ संत दुखी हो गया है। आप खुद देखिए यह वीडियो जो उन्होंने स्वयं यूट्यूब पर अपलोड किया। कृपया यहां क्लिक कीजिए