
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर तथा युनाईटेड फोरम के संयोजक व्हीं.के.एस परिहार ने बताया कि मध्यक्षेत्र विघुत वितरण कम्पनी में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों की संविदा अवधि बढ़ाने के आदेश मध्यक्षेत्र विघुत वितरण कम्पनी ने जारी कर दिये हैं लेकिन संविदा शर्तो में प्रावधान है कि संविदा अवधि बढ़ाने के साथ वेतन भी बढ़ाया जायेगा लेकिन विगत एक वर्ष से संविदा कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया है जिसके कारण मध्य क्षेत्र विघुत वितरण कम्पनी में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। दिन प्रतिदिन महगाई बढ़ रही है लेकिन वेतन नहीं बढ़ाया जा रहा है जिससे बिजली संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है। जिसके कारण मध्यक्षेत्र के बिजली संविदा कर्मचारी अधिकारी 15 दिसम्बर को एक दिवसीय प्रदेश व्यापी धरना राजधानी भोपाल में देंगें तथा धरना देकर प्रदर्शन करेंगें।
इन कम्पनियों ने संविदा बढ़ाने के साथ बढ़ाया वेतन -
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, म.प्र. पावर जनरेशन कम्पनी लिमिटेड, म.प्र. ट्रांसमिशन कम्पनी।
पावर मैनेजमेंट कम्पनी के सामने हुआ था समझौता -
म.प्र. पावर मैनेजमेंट कम्पनी के साथ कर्मचारी संगठनों का समझौता हुआ था कि जितने भी संविदा कर्मचारी हैं उनको संविदा सेवा शर्तो के अधीन लिया जायेगा । सेवा शर्तो में उल्लेख है कि जब जब संविदा कर्मचारियों की संविदा बढाई जायेगी तब - तब संविदा कर्मचारियों को वर्तमान मंहगाई दर के अनुसार वेतन बढ़ाया जायेगा ।
भाजपा घोषणा पत्र में था नियिमितीकरण का वादा
भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा लेकिन सरकार बनने के बाद अपना वादा भूल गई। और संविदा कर्मचारियों को नौकरी और वेतन के लाले पड़ रहे हैं।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर और युनाईटेड फोरम के संयोजक व्ही.के.एस. परिहार ने कहा है कि यदि मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कम्पनी के संविदा सहायक यंत्री,, कनिष्ठ यंत्री,, परीक्षण सहायक, लाईन अटेन्डेंड का वेतन नहीं बढ़ाया तो प्रदेश के सभी बिजली वितरण कम्पनी के नियमित और संविदा कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर चले जायेंगें। जिसके जिम्मेदार मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कम्पनियों के अधिकारियों का तानाशाहा रवैया होगा।