भोपाल। आज दिनांक 07.12.2016 को पदोन्नति में आरक्षण संबंधी प्रकरण की सुनवाई माननीय सर्वोच्च न्यायलय में होना निश्चित थी। प्रकरण 14वें नम्बर पर सुनवाई हेतु नियत था। प्रकरण में सुनवाई के पूर्व ही शासन की ओर से वरिष्ठ वकीलों की फौज द्वारा माननीय न्यायालय को अवगत कराया गया कि उनके प्रमुख अधिवक्ता श्री हरीश सालवे तथा श्री मुकुल रोहतगी, अर्टानी जनरल भारत शासन, उपस्थित होने में असमर्थ हैं अतः प्रकरण की सुनवाई आज न की जाकर इस हेतु पुनः तारीख निर्धारित की जावे।
सपाक्स के अधिवक्ताओं के मुखर विरोध के बाद न्यायालय द्वारा प्रकरण को 14वें नम्बर से हटाकर 19 नम्बर पर रखा गया किन्तु अन्य तारीख देने से इंकार किया गया। दुर्भाग्यवश प्रकरण क्रमांक 15 में एक बहस इतनी लम्बी थी की आज भी उक्त प्रकरण में सुनवाई नहीं हो सकी।
शासन एवं अजाक्स द्वारा किन कारणों से प्रकरण की सुनवाई को रोका जा रहा है यह अस्पष्ट है। विगत दिनों से जब-जब प्रकरण सुनवाई हेतु न्यायालय के समक्ष आने की स्थिति बनती है निरंतर सुनवाई में विलंब हेतु कोई न कोई नयी बाधा खड़ी की जाती रही है। इससे यह आशंका बलवती होती है कि उक्त प्रकरण में शासन के पक्ष में निर्णय न आने की आशंका से इस प्रकार की गतिविधियॉ की जा रही है। उक्त प्रकरण में अगली सुनवाई हेतु दिनांक 14 दिसम्बर 2016 की तिथि नियत की गई है।