मप्र: अब फ्लैट में फैमिली के साथ रह सकेंगे कैदी, नौकरी भी कर सकेंगे

भोपाल। कत्ल जैसे संगीन जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी अपने परिवार के साथ फ्लेट में रहेंगे। साथ ही नौकरी करने अपने 'घर' से बाहर भी जा सकेंगे। सुनने में भले अचम्भा लगे, लेकिन सरकार के खुली जेल के मसौदे को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हो गया है। मार्च-17 में भोपाल सेंट्रल जेल के सामने फ्लेटों की शक्ल में खुली जेल के निर्माण की तैयारी है। इसी क्रम में सतना में खुली जेल का निर्माण अंतिम चरण में है।

होशंगाबाद में 25 बंदियों की क्षमता वाली खुली जेल के अच्छे परिणामों के बाद जेल प्रशासन ने प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह सुविधा लागू करने की तैयारी की है। इसके तहत सतना में खुली जेल लगभग बनकर तैयार है। साथ ही भोपाल सेंट्रल जेल के सामने कवर्ड कैंपस में दो से तीन मंजिल इमारतों में खुली जेल बनाने का मसौदा बनाया गया है। इसकी क्षमता 50 कैदियों की रहेगी।

उम्र कैद का आधा समय सीखचों में गुजार चुके और नेकचलनी वाले कैदियों को खुले वातावरण में रहने में प्राथमिकता दी जाएगी। चयन के लिए जेल प्रशासन अपनी वार्षिक बैठक में अपनी मुहर लगाएगा। इन फ्लेटों में वह बीवी-बच्चों के साथ रह सकेंगे। साथ ही जेल में सीखे आत्मनिर्भरता के गुर के आधार पर वह जॉब करने भी जा सकेंगे।

लेकिन हर हाल में शाम के वक्त उन्हें जेल में अपनी आमद दर्ज कराना होगी। कवर्ड कैंपस वाली जेल के मुख्य दरवाजे पर मौजूद सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद रजिस्टर में बंदियों के आने-जाने के समय का पूरा ब्यौरा रखेगा। लोकनिर्माण विभाग इस जेल का निर्माण करेगा।

सेंट्रल जेल भोपाल के कैदियों के लिए खुली जेल बनाई जाना है। बजट आते ही इसके निर्माण का काम मार्च-2017 के बाद शुरू हो जाएगा। कुसुम मेहदेले, जेल मंत्री, मप्र.शासन
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