
इंदौर में अरसे बाद पार्टी का प्रशिक्षण शिविर लगने वाला है। यह 19 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसमें पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को बिलकुल ही तवज्जो नहीं दी जा रही है। इससे पहले तक इंदौर में भाजपा के जितने भी आयोजन हुए मेजबानी और व्यवस्थाएं कैलाश विजयवर्गीय को ही दी गईं। इस बार पार्टी ने उन्हें बड़े नेता के तौर पर ही बुलाया है। इतना ही नहीं इंदौर में सक्रिय उनके किसी भी प्रिय व्यक्ति को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई। मतलब साफ है कि शिवराज सिंह न कैलाश विजयवर्गीय को पहले इंदौर तक सीमित किया था, अब इंदौर से भी बेदखल कर दिया है।
दूसरी ओर खबर है कि कैलाश के समर्थक इस आयोजन की बागडोर अपने हाथ में रखना चाहते थे, लेकिन उनके उत्साह पर पानी फिर गया है। भाजपा संगठन ने किसी एक खास आदमी के हाथ से निकालकर पूरी व्यवस्था संभागों को सौंप दी है। ये प्रशिक्षण शिविर 19 दिसंबर से शुरू होगा। इस बार सभी नेताओं के रुकने का इंतजाम भी खुद ही करने को कहा गया है। इसके पहले जो आयोजन होते थे, वह पूरी तरह कैलाश समर्थकों की अगुवाई में ही होता था। कैलाश गुट के खास विधायकों को भी छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दे कर दूर कर दिया गया है।
नर्मदा सेवा यात्रा में उमा भारती को बुलाया ही नहीं
इससे पहले मध्यप्रदेश के एकदिनी दौर पर आईं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी उज्जैन में मीडिया से बातचीत में कहा था कि नर्मदा यात्रा में मुझे तो शिवराज सिंह ने बुलाया ही नहीं है। ऐसे में मैं खुद कैसे चली जाऊं। इससे पहले भी कई मौकों पर शिवराज ने उमा भारती से दूरी बना कर रखने की कोशिश की थी। पहले इस कोशिश में कैलाश का भी मूक समर्थन रहता था, लेकिन अब तो शिवराज ने कैलाश को भी ठिकाने लगाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।