
प्राप्त जानकारी के अनुसार निलंबित कार्यक्रम अवसर पर आईएएस शशि कर्णावत ने प्रदेश में दलित अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति शिवराज सरकार को असंवेदनशील बताया है, वहीं दिल्ली सीएम केजरीवाल की जमकर तारीफ की। कर्णावत इस दौरान मंच पर भावुकता भी दिखाई दी। कर्णावत का कहना है कि कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एमपी बुलाकर यहां की गंदगी को हटवाना चाहिए।
विधायकों पर बसरते हुए शशि कर्णावत ने कहा कि मध्यप्रदेश के 81 दलित विधायक पार्टी के पुट्ठू हैं, जो बाबा साहब के नाम पर जीते है लेकिन यहां नहीं पहुंचते। उन्होंने कहा कि वह दलित हक के लिए जल्द राजनीति में उतरेंगी।
इस दौरान खुले मंच से सीनियर आईएएस रमेश थेटे भी संवैधानिक दायरे में रहकर प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे। एक ओर वह सीएम शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते दिखे तो, वहीं दूसरी ओर कई मामलों पर सरकार को खुलेआम धमकी देते नजर आए।
रमेश थेटे का कहना था कि यदि सरकार ने दलित विरोधी नीतियों के साथ दौहरा व्यवहार अपनाए रखा, तो प्रदेश में तमाम दलितों-आदिवासियों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश दलितों-आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों में देश में सबसे आगे है।
रमेश थेटे का कहना है कि वर्तमान समय में मध्यप्रदेश प्रदेश को अंबेडकरवादी विचारधारा की आवश्यकता है, जिसके लिए हर दलित आदीवासी परिवार में इस विचारधारा को पैदा करने का काम किया जाएगा। रमेश थेटे ने सरकार को चेतावनी दी है यदि निलंबित आईएएस शशि कर्नावत का बाल भी बांका हुआ, तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आईएएस रमेश थेटे ने हबीबगंज थाने पहुंचकर अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।