
राज्य शासन का तर्क है कि प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों के लिये कर्ज लिया जाता है। इसके तहत वर्ष 2011-12 में 61532 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 94979.16 करोड़ तक पहुंच गया। राज्य सरकार ने वर्ष 2015-16 में लिये गये कर्ज की जानकारी इसलिए ओपन नहीं किया है क्योंकि वित्त लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुए हैं।
सरकार के अनुसार कर्ज मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार सकल राज्य घरेलू उत्पाद के निर्धारित प्रतिशत (3 से 3.5 प्रतिशत) के अनुसार लिया जाता है। दावा किया गया है कि विभिन्न माध्यमों से लिये गये कर्ज को समय-समय पर चुकाया जता है और इसकी जानकारी वित्त लेखे में दर्ज होती है।
केंद्र ने दिया 51 हजार करोड़ से ज्यादा
चार साल में केन्द्र सरकार ने राज्य को 51 हजार 300 करोड़ से अधिक राशि दी है। वर्ष 2011-12 में राज्य को 9928 करोड़ मिले थे जो कि वर्ष 2014-15 में बढ़कर लगभग दो गुना यानि 17 हजार 500 करोड़ से अधिक पहुंच गया।