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चंद्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद हमने तत्काल आधार पर सूचनाएं जुटाईं। इन सूचनाओं के आधार पर हमने 291 मामलों में छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई की। हमने 295 मामलों में सर्वे किया। बैंकों में जमा के आधार पर हमने 3,000 नोटिस भी जारी किए।’’
उन्होंने कहा कि इस अवधि में कुल 316 करोड़ रपये की नकदी जब्त की गई। इसमें 80 करोड़ रपये नए नोटों में हैं। 76 करोड़ रपये के आभूषण-जेवरात जब्त किए गए। इस तरह कुल 393 करोड़ रपये की जब्ती की गई। इन सर्वे के आधार पर छुपाई गई आमदनी करीब 2,600 करोड़ रपये बैठती है।
सीबीडीटी प्रमुख ने कालेधन को सफेद करने के तरीकों का जिक्र करते हुए कहा कि यह काम बुलियन, आभूषणों की खरीद, नकद लेनदेन को पिछली तारीख में दिखाना, कई खातों में ढाई लाख रुपये से कुछ कम की नकदी रखना, जनधन खातों में जमा, छद्म कंपनियां और ऋण के भुगतान के लिए नकदी का इस्तेमाल करने जैसे तरीकों से किया गया है।