रिजर्व बैंक कौन होता है सहकारी बैंकों से लेनदेन का अधिकार छीनने वाला

जबलपुर। नोटबंदी के छह दिन बाद रिजर्व बैंक द्वारा जारी सर्कुलर के आधार पर जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट बंद किए जाने के खिलाफ एमपी हाईकोर्ट में दायर याचिका में चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस अंजलि पॉलो की डबल बेंच ने इस आदेश को असंवैधानिक करार दिया है। 

मामला जय रेवाखंड के महामंत्री अधिवक्ता बृजेश दुबे और मिहीलाल राय द्वारा दायर जनहित याचिका से जुड़ा हुआ है जिसमें आरोप लगाया गया है कि संसद द्वारा बैंकिंग रेग्युलेशन अधिनियम की धारा 22 और 56 में संशोधन किए बगैर ही रिजर्व बैंक द्वारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की बैंकिंग कंपनी का दर्जा समाप्त कर दिया गया है। इससे अप्रचलित करेंसी वाले नोटों को सहकारी बैंकों में जमा नहीं किया जा रहा है, यह नोटबंदी की ऐलान वाली तारीख 8 नवंबर को प्रकाशित अधिसूचना के भी विरुद्ध है। 

याचिकाकर्ता की ओर से केंद्रीय वित्त सचिव, रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड के महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश सरकार के सहकारी विभाग के सचिव, सहकारी समितियों के कमिश्नर को भी पक्षकार बनाया गया है। भारत सरकार से जवाब प्राप्त करने के लिए याचिका की कॉपी असिस्टेंट सॉलीसीटर जनरल जिनेंद्र जैन को देने का आदेश देते हुए दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!