वाटर शेड मिशन से 1000 संविदा कर्मचारी हटाए, अब होगा आंदोलन

Bhopal Samachar
भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि वाटर शेड मिशन (जलग्रहण मिशन) में विगत दस वर्षो से संविदा पर कार्यरत एक हजार संविदा कर्मचारियों को आज हटाने के आदेश जारी कर दिये हैं। वाटरशेड मिशन की संचालक ने टीम सदस्य और टीम लीडर को हटाने के आदेश जारी किये हैं। संविदा कर्मचारियों को हटाने के विरोध में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कल प्रदेश के कर्मचारियों की बैठक भोपाल में बुलाई है। जिसमें हटाये गये संविदा कर्मचारियों की बहाली को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जायेगी। 

क्या कार्य होता था वाटरशेड मिशन में
वाटरशेड मिशन में इनके द्वारा पड़त और सुखी भूमि पर सिंचाई के लिए तालाब बनवाना, खेतों की मेड़ बंधवाना, क्षेत्र का वाटर लेवल बढ़ाना , कृषि की सिंचाई का रकबा बढ़वाना, किसानों के समूह बनाकर खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी देना, जैविक खेती के लिए प्रेरित करना । उन्नत बीजों का भण्डारण करवाना तथा जानकारी देना । उन्न्त कृषियंत्री की जानकारी देना । 
सरकार को फायदा - वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों के कार्यो की वजह से प्रदेश का कृषि के सिंचित क्षेत्र का रकबा बढ़ा, उत्पादन बढ़ा जिससे सरकार को प्रदेश सरकार को चार बार कृषिकर्मण्य अवार्ड मिला ।

केन्द्र सरकार ने अब योजना का नाम बदला
केन्द्र सरकार ने वाटरशेड मिशन का नाम बदल प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड विकास) कर दिया है 

मंत्री ने दिया था आश्वासन
योजना का नाम बदले जाने पर वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारी अधिकारी आंशिकत थे कि कहीं संविदा कर्मचारियों को निकाल तो नहीं दिया जायेगा इस संबंध में सागर में वाटरशेड मिशन के संविदा कर्मचारियों ने मंत्री से मुलाकात की थी तो मंत्री ने स्पष्ट आश्वासन दिया था कि आप चिंता ना करें किसी को हटाया नहीं जायेगा। सबका संवलियन अन्य योजनाओं में कर दिया जायेगा। उसके बाद भी विभाग की संचालक हैमवती बर्मन ने संविदा कर्मचारियों को सेवा से हटाने के आदेश जारी कर दिये। 

मंत्री जी ने विधानसभा में दिया था बेरोजगार नहीं का आश्वासन
मंत्री गोपाल भार्गव में पिछले वर्ष विधान सभा में कमलेश्वर पटेल के एक प्रश्न के जवाब ने कहा था कि किसी भी संविदा कर्मचारी को भाजपा सरकार में हटाया नहीं जायेगा घर नहीं उजड़ने दिया जायेगा उसके बावजूद संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया।  

इन संविदा कर्मचारियों का हुआ है संविलयन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अनेक परियोजनाएं बंद होने के बाद विभाग ने इनका संवलियन इन परियोजनाओं में कर दिया जैसे गरीबी उन्मूलन योजना का संवलियन ग्रामीण आजीविका मिशन में, बीआरजीएफ योजना के कर्मचारियों का मनरेगा एवं ग्रामीण सड़क योजना में , डीआरडीए योजना का मनरेगा, आजीविका मिशन में। 

कर्मचारियों के परिवारों का क्या होगा
अधिकांश कर्मचारी दस से बारह वर्षो से वाटरशेड मिशन में कार्य कर रहे थे। जिनकी शादी विवाह हो चुके परिवार के लालन पालन की जिम्मेदारी है। बच्चों के स्कूल की फीस, माता पिता के दवाई का खर्च, परिवार के पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गई है।
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