नोटबंदी को 1 महीना हो गया, 60% ATM अब भी खाली डब्बा हैं

भोपाल। नोटबंदी के महीने भर बाद भी एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन को लेकर लोगों की परेशानी बरकरार है। हकीकत ये है कि अभी भी राजधानी के करीब 60 फीसद एटीएम नई व्यवस्था के तहत अपडेट नहीं हो पाए हैं। न तो सॉप्टवेयर बदला और न ही करेंसी की कैपेसिटी। किसी एटीएम से केवल 2000 रुपए तो किसी से केवल 500 के नोट या फिर केवल 100 रुपए के नोट ही निकल रहे हैं।

भोपाल में सभी बैंकों के 1100 से अधिक एटीएम संचालित हो रहे हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद इनका ऑपरेशन पूरी तरह से बिगड़ गया है। उपभोक्ता को 2000 रुपए निकालने के लिए कम से कम दो- तीन एटीएम तक तो भटकना ही पड़ रहा है। निजी बैंकों के एटीएम से तो केवल 2000 रुपए और 500 रुपए के ही नोट निकल रहे हैं।

तकनीकी कारणों से अपडेट नहीं ATM
एटीएम मशीनों की कैपेसिटी की बात करें तो एक एटीएम में अधिकतम 4 कैसेट होते हैं और इन्हें फ्रेम्स भी कहा जाता है। अलग-अलग खांचों में अलग-अलग वैल्यू की करेंसी आती है और इन फ्रेम्स में सेंसर लगे होते हैं जो किसी खास वैल्यू के नोटों को पहचानते हैं। एटीएम के 4 फ्रेम्स या कैसेट में अधिकतम 22 बंडल एक तरह की करेंसी के डाले जा सकते हैं। जानकारों के मुताबिक अब तक इन मशीनों के अंदर पुराने 1000, 500 और 100 के नोट को पहचाने के हिसाब से प्रोग्रामिंग थी , लेकिन जब नोट ही बदल दिए गए तो एटीएम नए नोटों को पहचानने के लिए तकनीकी तौर पर तैयार ही नहीं थे। अब जो नए नोट हैं उनका साइज भी अलग है। अगर प्रोग्रामिंग वक्त से बदल दी जाती तो लोगों को इतनी परेशानी ना होती।

1.लाइनें हुई कम लेकिन लिमिट बढ़ाए सरकार
कारोबारी केके बांगड़ के मुताबिक महीने भर बाद बैंकों और एटीएम पर रुपए निकालने वालों की लाइन कम जरूर हो गई हैं, लेकिन बाजार में आने वाले ग्राहक कैश कम होने के कारण परेशान होते हैं। अब सरकार को कैश निकालने की लिमिट बढ़ाना चाहिए।

2.किसानों के चेक नहीं हो पा रहे क्लियर
अनाज कारोबारी संजीव जैन ने बताया कि नोटबंदी के बाद मंडी में कैश ट्रांजेक्शन की जगह चेक से पेमेंट की व्यवस्था तो कर दी गई, लेकिन किसानों को समय पर पैसा नहीं मिल पा रहा है। किसान के खाते में पैसा आने में तीन दिन से हफ्ते भर तक का समय लग रहा है। ऐसे में वे व्यापारी के पास आकर शिकायत कर रहे हैं।

3. 30 फीसद रह गया कारोबार
कैट के प्रदेश प्रभारी राधेश्याम माहेश्वरी बताते हैं कि नोटबंदी के बाद कैशलेस को बढ़ावा देने का सरकार का फैसला सराहनीय है, लेकिन फिलहाल इससे रिटेल और थोक कारोबार खासा प्रभावित हुआ है। यह कारोबार घटकर केवल 30 फीसद तक ही रह गया है।

धीरे-धीरे सुधर रही स्थितियां
नोटबंदी के बाद एटीएम ऑपरेशन की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। इनसे कैश ट्रांजेक्शन अधिक हो रहा है लेकिन डिमांड अधिक होने से कई एटीएम जल्दी कैश आउट हो जाते हैं।
अजय व्यास,लीड बैंक जीएम, भोपाल

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