
इस रैली के माध्यम से कैलाश विजयवर्गीय ने ना केवल नरेंद्र मोदी की गुडबुक में अपने नंबर बढ़ा लिए बल्कि शिवराज सिंह के नंबर घटवा भी दिए। मप्र का मुख्यमंत्री होने के बावजूद शिवराज सिंह ने नोटबंदी का पुरजोर समर्थन नहीं किया। एक तरह से वो नोटबंदी से असहमत नजर आए।
इंदौर में किसान रैली चिमनबाग से शुरू होकर संजय सेतु तक गई। रैली में मोदी के मंत्रीमंडल से पीयूष गोयल को आमंत्रित किया गया था। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय स्वभाविक रूप से उपस्थित थे। भाजपा का कहना है कि केंद्र सरकार ने कालेधन, आतंकवाद व भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 500-1,000 रुपये के नोट अमान्य किए हैं, मगर कुछ लोग भ्रम फैलाने में लगे हैं. इन साजिशों के खिलाफ भाजपा ने शुक्रवार को किसान रैली निकाली।
इस रैली में विभिन्न स्थानों से आए किसानों, भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में बुर्काधारी महिलाएं भी शामिल हुईं. रैली में लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर नोटबंदी से देश को होने वाले लाभ के विवरण थे।