कोलकाता। एक हजार और 500 रुपये के नोट अमान्य करने पर मोदी सरकार पर फिर से प्रहार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज इस ‘‘काले’’ राजनीतिक निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह आम आदमी के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘काले’ राजनीतिक निर्णय को वापस लें जो आम आदमी के खिलाफ है। पूरे भारत के बाजार बर्बाद हो गए, खरीदने की क्षमता खत्म हो गई, लोग दुखी हैं।’’ बनर्जी ने कहा कि वह पहले भी ऐसा कह चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जिस तरीके से युवा, बूढ़े और हर कोई पीड़ित है, मैं फिर केंद्र सरकार से अपील करती हूं (निर्णय को वापस लेने की)।’’
आम आदमी हो रहा है परेशान
उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा काला घोटाला बन गया है। आम आदमी की कठिनाईयां बढ़ गई हैं और धन शोधन करने वालों को पूरा लाभ मिल रहा है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने बृहस्पतिवार को सभी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि ‘‘केंद्र की गरीब विरोधी सरकार’’ के खिलाफ एकजुट होकर काम करें।
भारत को गरीब बनाकर मोदी गए जापान: ममता
बनर्जी ने कहा था, ‘‘हम इस राजनीतिक और वित्तीय अराजकता से मिलकर लड़ें। हम आप सभी के साथ हैं।’’ प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि ‘‘भारत के लोगों को गरीब बनाकर नरेन्द्र मोदी जापान चले गए हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस ने नोट अमान्य करने के मुद्दे पर राज्यसभा में 16 नवम्बर को चर्चा कराने के लिए नोटिस भी दिया है। इसी दिन संसद सत्र की शुरूआत हो रही है। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि इसी दिन पार्टी सदन में स्थगन प्रस्ताव लाएगी। नोट अमान्य करने के मुद्दे पर ममता ने कविता भी लिखी है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)