कोर्ट में कैलाश विजयवर्गीय ने शिवराज सिंह की सभा से पल्ला झाड़ा

इंदौर। बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव एवं महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय हाईकोर्ट में लगी चुनाव याचिका के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद शुक्रवार को अपना पक्ष रखने कोर्ट पहुंचे। सुनवाई के बाद विजयवर्गीय ने खुद पर लगे आरोप को बेबुनियाद बताते हुए राजनीतिक द्वेष के चलते कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा याचिका दायर करने की बात कही। उन्होंने कहा उन्हें चुनाव के दौरान हुई मुख्यमंत्री की सभा का कोई फायदा नहीं मिला। यह सभा पार्टी ने रखी थी। उन्होंने सीएम को आमंत्रित नहीं किया था। इसमें उन्होंने जो भी भाषण दिया, वह अपने विवेक से दिया था। सभा में की गई घोषणा की जानकारी सीएम ने उन्हें नहीं दी थी। उन्हें नहीं पता था कि सभा में सीएम क्या बोलने वाले हैं। 

बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ महू विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी अन्तरसिंह दरबार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर करप्ट प्रैक्टिस का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि विजयवर्गीय ने महिला मतदाताओं को नोट बांटे थे। वही चुनाव से ठीक पहले सीएम की सभा महू में हुई थी, जिसमें मेट्रो ट्रेन को महू तक लाने का वादा कर मतदाताओं से वोट देने की अपील की गई थी।

इससे सम्बंधित वीडियो भी पूर्व में कोर्ट में पेश किया जा चूका है। वीडियो को कोर्ट में पेश करने वाले गवाह आशीष शास्त्री ने कोर्ट में पूर्व में बयान में कहा था कि इस दिन मेरे सामने कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को नोट बांटे थे। इसके बाद कोर्ट ने विजयवर्गीय को अपना पक्ष रखने का मौका देते हुए उन्हें प्रतिपरीक्षण के लिए बुलाया था। विजवर्गीय ठीक ढाई बजे कोर्ट पहुँचे और लगभग साढ़े तीन घंटे मामले की सुनवाई चली।

अंतरसिंह दरबार की ओर से दायर इस याचिका में उनकी ओर से एडवोकेट रवींद्रसिंह छाबड़ा और विभोर खंडेलवाल ने पैरवी की। शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे विजयवर्गीय बयान देने के लिए जस्टिस जेके जैन के समक्ष उपस्थित हुए। उनकी ओर से सीनियर एडवोकेट शेखर भार्गव और विवेक पटवा ने पैरवी की। मुख्य परीक्षण में विजयवर्गीय ने याचिका में लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी आचार संहिता का उलंघन नहीं किया।

स्वीकारी ट्रॉफी, मेडल बांटने की बात
क्रास में विजयवर्गीय ने स्वीकारा कि मोहर्रम के कार्यक्रम में उन्होंने मंच से मेडल और ट्रॉफी बांटी थी। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम पूर्व नियोजित नहीं था। वे कार्यकर्ताओं के साथ वहां से गुजर रहे थे कि आयोजकों ने उन्हें मंच पर बुला लिया। उन्होंने स्वीकारा कि जो लोग मंच पर खड़े नजर आ रहे हैं उनमें भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं।

नोट देने नहीं, लड्डू के लिए पकड़ा था हाथ
याचिकाकर्ता की ओर से पांच इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (सीडी और पेन ड्राइव) कोर्ट में प्ले हुए। इनमें से एक में विजयवर्गीय थाली के नीचे से एक महिला का हाथ पकड़े नजर आ रहे हैं। विजयवर्गीय ने इस संबंध में कोर्ट में कहा वे महिला को नोट नहीं दे रहे थे, बल्कि उन्होंने लड्डू देने के लिए हाथ बढ़ाया था।

पहले नकारते रहे फिर स्वीकारा
याचिकाकर्ता के वकील ने विजयवर्गीय से पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने उन्हें आचार संहिता को लेकर कोई नोटिस जारी किया था, तो उन्होंने इंकार किया। इस पर याचिकाकर्ता ने दस्तावेज दिखाए और कहा कि नोटिस का आपने जवाब दिया था। आयोग ने आपको चेतावनी दी थी। इस पर विजयवर्गीय ने नोटिस की बात स्वीकारते हुए कहा कि आयोग ने मुझसे सावधानी बरतने को कहा था।

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