श्योपुर। सर्दी के मौसम में भी श्योपुर जिले की दो तहसीले पानी के लिए तरस रही है। सर्दियों में भी इन तहसीलों का लोगों का गाला सुख रहा है। जिले की विजयपुर और कराहल तहसीलों में पानी की एैसी संकट खड़ा हो गया है कि लोग तालाब और नालों के गंदे पानी पीने को मज़बूर हैं।
आदिवासी ब्लॉक कराहल में हालात इस कदर हैं कि यंहा गांवों में लगे हैंडपम्पों ने पानी देना बंद कर दिया है। जबकि कई जगह एक हैंडपंप से पानी निकालने के लिए चार-चार महिलाओं को उसे चलाना पड़ रहा है, तब कहीं जाकर हैंडपंप से पानी आता है।
इसके अलावा विजयपुर में भी पानी की किल्लत हो गई है। विजयपुर कस्बे में अब पानी सप्लाई रोजना की जगह एक दिन छोड़कर की जा रही है। यानी पानी में एक दिन की कटौती करना शुरू हो गई है। सर्दियों में भी इन तहसीलों का गला सूख रहा है। विजयपुर कस्बे में पानी की सप्लाई बारधा डैम से होती थी, लेकिन डैम फूटने के कारण हजारों क्यूसेक पानी बह गया। जिस कारण अब कस्बे में पानी की किल्लत हो गई है।
वहीं कराहल के फतेहपुर, कोटागढ़, बुढ़ेरा, कर्राई, पिपरानी गांव पानी संकट से जूझ रहे है। इन गांवों में ग्रामीण अब नदी व तालाबों में भरे गंदे पानी को पीने को मजबूर हो रहे है। जिससे ग्रामीणों में संक्रमित बीमारी फैलने की आशंकाए भी बढ़ रही है।
जिला कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि जल संकट की समस्या की जानकारी है। जंगली इलाको में आमतौर पर जलस्तर कम रहता है। जहां भी हैण्डपम्प खराब है, पीएचई विभाग द्वारा ठीक किया जाएगा। साथ ही तालाबों सहित अन्य पेयजल स्रोतों की जमीनी हकीकत जानने टीम भेजी जायेगी।
कराहल में हमेशा बनी रहती है पानी की किल्लत
कराहल तहसील के गांवों में पानी की समस्या आम है। यहां पंचायतों में नलजल योजना सिर्फ कागजों में शुरू हुई है, जबकि मौके पर पानी की सप्लाई नलजल योजना के तहत नहीं की जा रही है। कराहल के आदिवासी हमेशा से पानी की समस्या से निजात पाने के लिए आला अधिकारियों के चक्कर ही लगाते नजर आ रहे है लेकिन, इनकी पानी की समस्या को दूर कोई भी अफसर आज तक नहीं कर पाया है। जबकि नदी व तालाबों का गंदा पानी पीकर हर साल यहां कई ग्रामीण बीमार होते है। साथ ही उल्टी-दस्त और बुखार से भी कई लोगों की मौतें होती है। इसके बावजूद प्रशासन कराहल के गांवों का साफ पानी उपलब्ध कराने में हमेशा ही नाकाम रहा है।
पेयजल संकट को दूर करने आवश्यक कदम उठाए जायेगे
जिला कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि जल संकट की समस्या की जानकारी है। जंगली इलाको में आमतौर पर जलस्तर कम रहता है। जहा भी हैण्डपम्प खराब है ,पीएचई विभाग द्वारा दुरस्त कराए जायेगे। साथ ही तालाबो सहित अन्य पेयजल स्रोतों की जमीनी हकीकत जानने टीम भेजी जायेगी।