आपको यह अवगत करना आवश्यक है कि हम भी शिक्षक है, परन्तु एक अतिगरीब शिक्षक, क्योंकि हम अतिथि शिक्षकों को वर्ग-1 में 4200 (प्रतिदिन 180) वर्ग-2 में 3450 (प्रतिदिन 150) वर्ग-3 में 2300 (प्रतिदिन 100) ही मिलता है और जिस दिन किसी कारण वश छुट्टी लेने पर भी उस दिन का वेतन कट जाता है। साथ ही जिस माह में 24 व् 25 दिन स्कूल लगता है, उसमे भी 23 दिन का ही वेतन दिया जाता है। जो हम अतिथि शिक्षकों के लिए ऊँठ के मुँह में जीरे के समान है। क्योंकि जिन कर्मचारी को 20000 से भी अधिक मिलने पर उनका घर का खर्चा नहीं चल पता तो अतिथि शिक्षकों क। घर का खर्च कैसे चलता होगा।
हमारी सरकार ने 18 व् 19 जनवरी 2016 को प्रदेश के सम्मानीय शिक्षा मंत्री श्री दीपक जी जोशी ने घोषणा की थी की अधिकतम् 3 माह में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण व् वेतन वृद्धि का निराकरण हो जायेगा। जो की आज दिनांक तक, 11 माह बाद भी नहीं हुआ। साथ ही नये शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह जी ने अगस्त-सितम्बर 2016में घोषणा की थी कि अतिथि शिक्षकों को अब से दुगना (दोगुना) वेतन अर्थात वर्ग-1 को 9000 वर्ग-2 को 7000 वर्ग-3 को 5000 दिया जायेगा। इस स्टेटमेंट के बाद भी आज तक न तो एक रूपये भी वेतनवृद्धि नहीं हुई और नहीं किसी ने अतिथि शिक्षकों की ओर ध्यान दिया।
सम्मानीय मुख्यमंत्री जी ने भी आश्वाशन दिए परन्तु उस पर अमल नहीं हुआ। अपराधी जो की घिनोने कृत्य करके जेल में रहते है उन्हें उनकी मजदूरी 290 से 300 रोज प्रतिदिन कमाता है।और अतिथि शिक्षक उच्च शिक्षित होने के बाद भी 100 से 180 रोज प्रतिदिन ही कमाता है क्या यह कहाँ का न्याय है।
क्या वास्तव में इतने वेतन में अतिथि शिक्षको का गुजारा हो जाता होगा क्या। अतिथि शिक्षकों को वर्तमान में वर्तमान वेतन द्वारा अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। इसी वेतन में से बच्चों की शिक्षा व् राशन तथा समाज में आना जाना संभव नहीं है। हम भी दर्द भरे स्वरों में कहना चाहते हे की हमे भी शासन द्वारा सम्मान जनक व् उचित वेतन प्राप्त हो ,ताकि हम भी समाज में व्यवस्थित सम्मान के साथ रह सके व् परिवार का पालन-पोषण कर सके। यदि शासन द्वारा उचित वेतन नहीं देने के आभाव में अतिथि शिक्षक मुश्किलों के पहाड़ों से घिर जायेगा।
रमेश सोनी
अतिथि शिक्षक