
वहीं जिला पंचायत के आदेश क्र.2165 दिनांक 30/8/13 मे निम्न सड़कों के आगे आरईएस के व्दारा व्यय राशी (प्रथम किस्त) का उले्ख किया गया। जब सड़के बनाने मे वन विभाग की भूमी आ रही है तो क्या वन विभाग ने आऱईएस को अपनी भूमी पर सड़क बनाने की अनुमती प्रदान की है या आरईएस ने ऐसी ही सड़को के आगे राशी व्यय लिखकर दूसरी किस्त की राशी की मांग कर ली।
जो सड़कें वन विभाग की भूमि पर बनना था। उनका विवऱण इस प्रकार है
(1)विकास खण्ड बुढार मे ग्रेवल रोड झींक से छतई 7 कि.मी.के बीच 14 नग पुल पुलिया जिसमे 3700 मीटर वन भूमी है आर.ई.एस ने प्रथम किस्त की राशी 7.92. लाख रू की राशी व्यय होना बताया।
(2)ब्यौहारी -ग्रेवल रोड बाराछुई से छतवा 6,50 कि.मी.के बीच 15 नग पुल पुलिया इसमे भी वन विभाग की भूमी मगर आर.ई.एस.ने 21.15लाख की राशी व्यय होना बताया पहली किस्त
(3)विकास खण्ड -ब्यौहारी -रीवा रोड से सेजहाई 1.20कि.मी.के बीच 7नग पुल पुलिया550मीटर वन भूमी व्यय राशी4.42लाख पहली किस्त
(4)विकास खण्ड -गाेहपारू- पोडी से कोडार 2.10कि.मी.19नग पुल पुलिया 2500मीटर वन भूमी व्यय राशी 15.22लाख पहली किस्त
(5)विकास खण्ड-गोहपारू -बोचकी से मेहरोरा2.10कि.मी.10नग पुल पुलिया 1400मीटर वन भूमी व्यय राशी10.30लाख पहली किस्त आर.ई.एस. ने वन विभाग से अनुमती के लिऐ जो आवेदन लगाये थे उन पर अनुमती मिली की नही उनकी जॉच करवाई जाये तो करोडो़ के वारे न्यारे की परते अपने आप खुल जायेगी यहॉ यह बताना जरूरी है की इस तरह की कुल 13सड़के व सैकडो़ पुल पुलिया है उपर केवल 5 सड़को का उलेख है।