
सिकंदराबाद की एजेंसी
भर्ती के लिए डिपार्टमेंट आॅफ पोस्ट एमपी सर्किल ने परीक्षा का कॉन्ट्रेक्ट एक प्राइवेट रिक्रूटमेंट कंसलटेंसी टीएमआई नेटवर्क को दिया था। चीफ पोस्ट मास्टर एमपी सर्किल एमई हक के अनुसार इसके लिए बाकयदा टेंडर निकाला गया था। पेपर सेट करने से परीक्षा कराने, कॉपियां जांचने और रिजल्ट घोषित करने तक पूरा काम एजेंसी ने किया।
26 जून को आॅफलाइन परीक्षा हुई
चार जिलों के छात्र ज्यादा परीक्षा में विभाग की भूमिका निगरानी की थी। 26 जून को आॅफलाइन परीक्षा हुई। करीब सवा लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। रिजल्ट आया तो ज्यादातर टॉपर हरियाणा के हिसार, जींद, हांसी और भिवानी जिलों के निकले।
रिजल्ट ऐसा है कि किसी को भी आशंका हो सकती है
जो परीक्षार्थी चुने गए हैं वो ज्यादा पढ़ने वाले होंगे, लेकिन एक ही राज्य के ज्यादातर उम्मीदवारों का चुना जाना गड़बड़ी की आंशका उत्पन्न करता है। परीक्षा केंद्र पर मुस्तैदी, ओएमआर शीट्स पर आन्सर। ऐसे स्थिति में प्रश्नों के बारे में पता चलने और आसपास के दोस्तों, रिश्तेदारों आदि में बताए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। फुलप्रूफ सिस्टम नहीं होने के कारण इस तरह की गड़बड़ियां हो सकती हैं।
आरके शर्मा, रिटायर्ड डीएसपी, लोकायुक्त
चीफ पोस्ट मास्टर जनरल-एमई हक का कहना है कि जो पढ़ेगा वो ही सिलेक्ट होगा ना। हो सकता है हरियाणा के स्टूडेंट ज्यादा पढ़ने वाले हों। वहां से दिल्ली, कोटा पास हैं। इसलिए अच्छे कोचिंग सेंटर का लाभ उन्हें मिला हो। वहां लोग मेहनती होते हैं। पेपर कंपनी ने सेट किया था लेकिन प्रिंटिंग के दौरान विभाग के ऑब्जर्वर प्रिंटिंग प्रेस में मौजूद थे। वहां पेपर सील हुए। ऐसी कोई आशंका नहीं है।