
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सार्वजनिक होने के बाद सरकार से कहा कि कभी-कभी हमला करने से आतंकियों को खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए ‘मीडियम टर्म प्लान’ की जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार सेना के वरिष्ठतम रणनीतिकारों ने सरकार से कहा है कि देश को कश्मीर में होने वाले असर के लिए भी तैयार रहना चाहिए। सेना के अधिकारियों के अनुसार आतंकियों के खिलाफ लगातार एक कैंपेन जारी रखना होगा। सेना के एक अधिकारी ने अखबार को बताया, “हमें एक सतत कैंपेन चलाने की जरूरत है। अभी आतंकी नेटवर्क रक्षात्मक मुद्रा में हैं लेकिन सचमुच कुछ हासिल करने के लिए हमें मीडियम टर्म प्लान बनाना होगा, छह महीने लंबा कैंपेन चलाना होगा। एकाध बार हमला करने से नहीं थमेंगे।”
सेन्य अधिकारियों के अनुसार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का “बदला” लेने के लिए पाकिस्तान पीओके के रास्ते भारत में और ज्यादा आतंकियों को भेजने की कोशिश करेगा। रिपोर्ट के अनुसार सैन्य अधिकारियों ने सरकार से कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सार्वजनिक करने का मतलब होगा कश्मीर की सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरतना होगा। खबर के अनुसार सैन्य अधिकारियों ने कश्मीर में बेहतर राजनीतिक नजरिया अपनाने की जरूरत की भी बात कही है।
खबर के अनुसार सेना ने सरकार से कहा है कि अभी कश्मीर में मौजूद आतंकी गुट हताश हैं इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए ये सही मौका है। सेना का मानना है कि एलओसी पर भारत की मौजूदा स्थिति पाकिस्तान से काफी बेहतर है। एक अन्य सैन्य अधिकारी ने अखबार को बताया, “इस बार ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है जिससे सीमापार से आने वाले आतंकी इधन आने से परहेज करें।” भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पीओके में 40 से ज्यादा आतंकी प्रशिक्षण कैम्प हैं। वहीं 50 से ज्यादा लॉचिंग पैड हैं जिनमें 200 से ज्यादा आतंकी इस समय मौजूद हैं। इन आतंकी ठिकानों की सुरक्षा पाकिस्तानी सेना के जिम्मे है।