भोपाल। मध्यप्रदेश के गुना जिले में पिपरोदा खुर्द गांव के 7 बच्चों की खदान के खाली पड़े गड्डे में डूबने से हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चों की मौत फेफड़े और पेट में पानी भरने की वजह से हुई है, जबकि बच्चों के परिजनों का कहना है कि सभी अच्छी तरह से तैरना जानते थे। अब सवाल यह है कि बच्चे जब तैरना जानते थे तो डूबे कैसे ? बता दें कि सभी बच्चे खदान मालिक के पास नवरात्रि का चंदा मांगने के लिए गए थे।
गुना जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर स्थित पिपरोदा खुर्द के ललुआ टोरा गांव के पास ही स्थित खदान के गहरे गड्ढे में भरे पानी में डूबने से 25 सितंबर को 7 बच्चों की मौत हो गई थी। मामले को एक्सीडेंट की तरह बताया जा रहा था लेकिन जब भोपाल समाचार ने मुद्दा उठाया तो पुलिस ने खदान मालिक जसवंत अग्रवाल पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया। 5 दिन से चल रही विवेचना में अब तक 14 लोगों के कथन दर्ज किए जा चुके हैं।
मृतक के परिजनों द्वारा पुलिस को दिए अपने कथन में बताया है कि उनके बच्चे तैरना जानते थे। वह अक्सर नहाने जाया करते थे। उनकी उम्र 10 साल से ज्यादा थी। सभी बच्चे होशियार थे और वह अपनी सुरक्षा स्वयं करना जानते थे। परिजनों के इन कथन के बाद पुलिस भी हैरान और परेशान है, क्योंकि पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्चों की मौत फेंफड़ों और पेट में पानी भरने की वजह से हुई है।
सवाल यह है कि जब बच्चे तैरना जानते थे तो गड्डे में भरे शांत पानी में डूब कैसे गए। कहीं ऐसा तो नहीं कि बच्चों को जबरन पानी में डुबाया गया हो। वहीं एक बच्चे का शव पानी के बिल्कुल किनारे पर मिलना भी पूरे मामले में संदेहास्पद बना रहा है। इस मामले में घटना की सूचना भी संदेहास्पद है और बच्चों के शवों की बरामदगी भी संदेह पैदा करती है।
घटना को एक एक्सीडेंट की तरह प्रस्तुत किया गया था परंतु भोपाल समाचार ने पूरे मामले पर संदेह जताया। पढ़िए वह खबर जिसने घटना पर सबसे पहले सवाल उठाए