महिलाओं के कपड़े पहन भाग रहे हैं आतंकवादी

Bhopal Samachar
बगदाद। पूरी दुनिया को खौफजदा करने वाले इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी इनदिनों खुद दहशत के साये में जी रहे हैं। आतंकियों के गढ़ मोसुल में चल रही निर्णायक जंग के दौरान आईएस के कुछ आतंकी महिलाओं के कपड़े पहनकर भागते हुए पकड़े गए। दरअसल, आईएएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी ने आदेश दिया था कि आतंकियों की पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स को शहर से बाहर भेज दिया जाए। इस आदेश का फायदा उठाकर कुछ आतंकी भी महिलाओं के कपड़े पहनकर भागने की फिराक में थे।

बता दें कि इराक स्थित मोसुल को आईएस का गढ़ माना जाता है। इराकी और कुर्दिश फौज के अलावा पश्चिमी देशों ने यहां इस्लामिक स्टेट के खिलाफ चार दिन पहले निर्णायक जंग छेड़ दी थी। अपने ही गढ़ में घिरे आतंकी अब बचने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। ऐसी भी खबरें आईं हैं कि आतंकी आम नागरिकों को अपनी ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, हवाई हमलों से बचने के लिए तेल के कुओं में आग लगा दी ताकि प्लेन धुएं की वजह से बम न बरसा पाएं।

ब्रिटिश अखबार द सन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के कपड़ों में आईएस के इन संदिग्ध आतंकियों को कुर्दिश फौज ने मोसुल के बाहर पकड़ा। माना जा रहा है कि बगदादी अभी मोसुल के अंदर ही अपने कमांडरों के साथ फंसा हुआ है।

आईएस के सबसे बड़े फाइटर्स इस वक्त बगदादी के साथ ही हैं। वहीं, आतंकियों के खिलाफ जमीनी लड़ाई की अगुआई कर रहे अमेरिकी सेना के मेजर जनरल गैरी वोलेस्की ने कहा कि गुरुवार को हुए कई बड़े हमलों के पहले ही इस्लामिक स्टेट के कमांडर इलाके से भागने लगे।

हालांकि, जंग के मैदान से भाग रहे इन आतंकियों को लेकर अमेरिकी सेना से लेकर फ्रेंच राष्ट्रपति तक ने चिंता जताई है। उनका मानना है कि अगर ये आतंकी किसी तरह सीरिया के रक्का पहुंच गए तो वहां मौजूद अन्य आतंकियों के साथ मिलकर दोबारा से ग्रुप बना सकते हैं।

आतंकियों से लड़ रही सेना को खुद इस बात का अंदाजा है कि आने वाले वक्त में यह जंग और ज्यादा खूनी संघर्ष में तब्दील हो सकती है। इसके अलावा, पूरे इलाके पर कब्जा करने में महीनों का वक्त भी लग सकता है। माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट के करीब 8 हजार आतंकी मोसुल के अंदर छिपे हो सकते हैं।

इराक के सबसे बड़े शहर मोसुल पर जारी लड़ाई में एक अमेरिकी जवान की मौत हो गई है। पिछले दो वर्षों में यह चौथा मौका है जब किसी अमेरिकी जवान की यहां पर जान गई है। मोसुल पर किए गए हमले में अमेरिका के करीब 100 जवान इराकी सेना का साथ देने के लिए वहां पर मौजूद हैं। यह जवान इराकी सेना को इस बाबत सलाह के साथ-साथ अन्‍य सपोर्ट देने के लिए वहां भेजे गए हैं।

हालांकि अभी हमले में मारे गए जवान केे बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। इससे पहले मई में एक यूएस नेवी सील का एक जवान मोसुल में मारा गया था। वहीं अप्रेल में भी एक अमेरिकी जवान की रोकेट हमले में जान चली गई थी। इस हमले में आठ अन्‍य जवान भी घायल हुए थे।
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