मप्र के विधानसभा पर मौत का साया, अब तक 25 विधायकों की मृत्यु

भोपाल। एक बार फिर यह बहस चल पड़ी है। क्या मप्र के नए विधानसभा भवन में कुछ ऐसा है जो विधायकों की मौत का कारण बन चुका है। अब तक 25 विधायकों का असमय निधन हो चुका है। मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के असमय निधन से एक बार फिर विषय को हवा दे दी है। सत्यता हो या भ्रम लेकिन, यदि हालात यही रहे तो 15 साल बाद यहां पार्टियों को विधानसभा टिकट के दावेदार तक नहीं मिलेंगे। 

विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष कटारे को संसदीय नियमों के जानकार बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। 'विधायकों के दुख:द निधन जारी है" के नाम से आकर्षक पोस्टर वाला ट्वीट कर विजयवर्गीय ने लिखा है कि 'नए विधानसभा भवन में विधानसभा लगने के बाद से विधायकों का दुख:द निधन जारी है..."। विजयवर्गीय ने आशंका जताई है कि यह केवल संयोग है या वास्तुदोष या कुछ और..??

चार विधानसभा के 25 विधायकों का असमय निधन
गौरतलब है कि मिंटो हॉल के बाद अगस्त 1996 में विधानसभा नए भवन में लगना शुरू हुई थी। इसके बाद 11वीं विधानसभा के ओंकारप्रसाद तिवारी, कृष्णपाल सिंह, दरियाब सिंह, मगनसिंह पटेल, रणधीर सिंह, लिखीराम कांवरे, शिवप्रताप सिंह, संयोगिता देवी, वेस्ता पटेल व लालसिंह पटेल, 12 वीं विधानसभा के किशोरीलाल वर्मा, दिलीप भटेरे, प्रकाश सोनकर, अमरसिंह कोठार, लवकेश सिंह, लक्ष्मण सिंह गौड़ व सुनील नायक, 13 वीं विधानसभा के माखनलाल जाटव, जमुना देवी, रत्नेश सोलोमन, खुमानसिंह शिवाजी, हरवंश सिंह व ईश्वरदास रोहाणी, वर्तमान 14 वीं विधानसभा के प्रभात पांडे, राजेश यादव, तुकोजीराव पवार, सज्जनसिंह उइके, राजेंद्र श्याम दादू का निधन हो चुका है। सत्यदेव कटारे का गुरुवार को निधन हुआ।

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