अनुकंपा नियुक्ति: पटवारी के बेटे को चपरासी बनाना चाहते हैं अधिकारी

अशोकनगर। सरकार की महत्वपूर्ण योजना अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर सरकार भले ही कितनी भी गंभीर हो, लेकिन विभाग स्तर पर अपने ही अधिकारी किस तरह अमानवीयता बरत रहे हैं संवेदना के स्थान पर पीड़ित परिवार को और प्रताड़ित किया जा रहा है, इसका उदाहरण राजस्व विभाग में देखा जा सकता है। ईशागढ जिला अशोकनगर म.प्र. में पटवारी पद पर रहते हुए पटवारी स्व.श्री कुंवरलाल सेन का 14 अक्टूबर 2012 को निधन हो गया था, तब उत्तराधिकारी पुत्र अरविन्द सेन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन किया गया। 

अरविन्द को हर बार यही कहा गया कि 10 दिन में आओ 15 दिन में आओ। और अब... अपने ही विभाग के पीड़ित परिवार के पुत्र आवेदक अरविन्द के प्रति संवेदना रखते हुए तत्काल उचित कार्यवाही न करते हुए, सहायता देने के स्थान पर परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। 

हाल में अरविन्द सेन को एक पत्र देकर भृत्य के पद पर नियुक्ति के लिए सहमति 26 अक्टूबर तक  माँगी गयी है, जबकि अरविन्द पटवारी पद के लिए योग्यता रखता है और प्रदेश में बड़ी संख्या में पटवारी पद रिक्त हैं, के बाबजूद अपने विभाग के मृत कर्मचारी पटवारी के परिजन के साथ त्वरित न्याय करने के स्थान पर पीड़ित परिवार को भृत्य के पद पर नियुक्ति की बात कर प्रताड़ित किया जा रहा है। अरविन्द द्वारा शैक्षिक योग्यता हायरसेकेंडरी परीक्षा एवं 1 वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा डीसीए माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण किया हुआ है, जो कि पटवारी पद के लिए आवश्यक योग्यता है। 

मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ द्वारा मृत पटवारी के पुत्र अरविन्द को योग्यता के आधार पर पटवारी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जाकर अपने विभाग के मृत कर्मचारी के परिजन के साथ न्याय करने की मांग की गयी है। इसी प्रकार से पटवारी स्व.श्री चंद्रप्रकाश टेंभरे के पुत्र तपन टेंभरे भी अनुकम्पा नियुक्ति के लिए परेशान हो रहा है। उसे आज दो साल बाद चपरासी पद के लिए प्रस्ताव दिया है। 

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