नईदिल्ली। पाकिस्तान सरकार के सामने हमेशा धर्मसंकट होता है। एक तरफ अमेरिका को खुश करना है दूसरी ओर भारत के खिलाफ आतंकवाद को भी पोषित करना है। फिलहाल पाकिस्तान सरकार, अमेरिका के दवाब में खुद को आतंकवाद का विरोध प्रमाणित करने की कोशिश कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को दिखाने के लिए नवाज शरीफ ने एक मीटिंग बुलाई और पाकिस्तान सेना को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे, अन्यथा पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ जाएगा। यह निर्देश नवाज शरीफ ने सेना को नहीं दिए, बल्कि पंजाब के सीएम से एक बयान दिलवाया। ताकि सबको साध लिया जा सके।
इस्लामाबाद में सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सीएम शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मौजूदगी में ही आईएसआई के महानिदेशक जनरल रिजवान अख्तर को सख्त चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि अगर आपने आतंकियों पर नकेल नहीं लगाई तो अंतर्राष्ट्रीय जगत पाकिस्तान को अलग-थलग कर देगा। पंजाब सरकार ने कई अहम मुद्दों पर देशभर में एकराय बनाने की भी मांग की।
इस बैठक में बैठक में दो अहम मुद्दों पर सहमति बनी है। पहली ये कि आईएसआई के डीजी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ के साथ चार सीमाई प्रांतों का दौरा करेंगे। यह दौरा लाहौर से शुरू भी हो गया है। इनसे कहा गया है कि अपने दौरे के दौरान आईएसआई डीजी प्रांतीय सरकारों को यह संदेश दें कि सेना के नेतृत्ववाली एजेंसियां एन्फोर्समेन्ट एक्ट के तहत हस्तक्षेप नहीं करेंगी जहां आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाया गया है फिर वहां ऐसी नागरिक कार्रवाई के लिए मामले लंबित हैं।
भारत को चुप कराने के लिए
दूसरे अहम फैसले के तहत प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जांच एजेंसियों से पठानकोट हमले की जांच पूरी करने के लिए जरूरी कदम उठाने और मुंबई हमलों से संबंधित मुकदमों की रावलपिंडी के आतंकवाद निरोधी अदालत में जल्द ट्रायल शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। पाकिस्तान के अखबार डॉन के सूत्रों के मुताबिक ये दोनों कदम शरीफ सरकार ने उस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और आईएसआई के डीजी रिजवान अख्तर के बीच हुई गरमागरम बहस के बाद उठाया है।
युद्ध के लिए तैयार नहीं है पाकिस्तान के राजनैतिक दल
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के जवाब में एकजुट होकर फैसला लेने के लिए सोमवार को सर्वदलीय विशेष बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में पाकिस्तान ने लक्षित हमले के भारत के दावे को सीमा पार से की गयी गोलीबारी को खारिज कर दिया था। बैठक में विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने कश्मीर और नियंत्रण रेखा की हालिया स्थिति के बारे में बैठक में शामिल सदस्यों को अवगत कराया। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री को हटाने की मांग कर रहे इमरान खान बैठक से दूर रहे लेकिन पूर्व विदेश सचिव शाह महमूद कुरैशी ने बैठक में उनके दल का प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक से पहले विदेश सचिव एजाज चौधरी ने पीएमओ में सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को एक प्रजेंटेशन भी दिया था।