सिविल सेवा: चुनाव और सिफारिश

0
राकेश दुबे@प्रतिदिन। कार्मिक मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अगले साल होने वाली सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिकतम उम्र-सीमा को फिलहाल नहीं घटा रही है। यानी इस परीक्षा के लिए सारी अहर्ताएं इस बार भी वही होंगी, जो अभी तक होती आई हैं। पिछले काफी समय से यह चर्चा थी कि सरकार सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिकतम उम्र-सीमा को घटा सकती है। इस चर्चा की वजह थी, बासवान समिति की रिपोर्ट। यह समिति सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए बनाई गई थी।

समिति की सिफारिश थी कि इस परीक्षा की अहर्ताओं में अधिकतम उम्र-सीमा को 32 से घटाकर 26 वर्ष कर दिया जाए। फिलहाल सरकार ने इस सिफारिश को नहीं माना है और यह कहा जा रहा है कि ऐसा अगले साल की शुरुआत में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती कि ऐसे मौके पर युवा-वर्ग को नाराज किया जाए। इस मामले में कार्मिक मंत्रालय के सचिव ने जो बयान दिया है, वह सिर्फ 2017 की प्रवेश परीक्षा के संदर्भ में है। इसलिए हमें नहीं पता कि सरकार बासवान समिति की सिफारिशों से सहमत है या नहीं, और उन्हें वह स्वीकार करने जा रही है या नहीं।

आगामी चुनावों को छोड़ दें, तो भी उम्र की सीमा कम करने का मुद्दा काफी संवदेनशील है। इसे एकबारगी किए जाने के कई खतरे हैं। भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। अगर हम पिछले साल का उदाहरण लें, तो पिछले साल इस परीक्षा में दस लाख से ज्यादा नौजवान शामिल हुए थे, जिनमें अंत में सिर्फ 180 का ही चुनाव हुआ। यह बताता है कि इसमें स्पद्र्धा कितनी ज्यादा है। इसी कड़ी स्पर्धा की वजह से ही बहुत से युवा परीक्षा में बैठने से पहले कई साल तक तैयारी करते हैं।

अभी इस परीक्षा में बैठने की न्यूनतम उम्र-सीमा 21 साल है और अधिकतम उम्र-सीमा 32 साल। और इस 11 साल में सामान्य वर्ग का कोई युवा सिर्फ छह बार ही यह परीक्षा दे सकता है। इसलिए भी बहुत से नौजवान कई साल तक तैयारी करने के बाद परीक्षा में बैठना पसंद करते हैं। ऐसे में, अगर एकबारगी उम्र-सीमा घटा दी जाती है, तो उन नौजवानों को काफी परेशानी हो सकती है, जो परीक्षा के लिए लगातार कई साल से तैयारी कर रहे हैं।

बासवान समिति की पूरी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, मान लीजिए कि 32 साल का एक युवक सिविल सेवा परीक्षा को पास करता है, तो जब वह प्रशासनिक सेवा में तैनात होगा, तो उसकी उम्र 34 साल हो चुकी होगी। आमतौर पर यह माना जाता है कि किसी व्यक्ति की काम करने की ऊर्जा और उत्पादकता 30 साल की उम्र के आस-पास शिखर पर होती है और उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस तर्क से देखें, तो बहुत से लोग आईएएस तब बनते हैं, जब काम करने की उनकी ऊर्जा कम होनी शुरू हो चुकी होती है। बेशक इसमें बदलाव जरूरी है, पर यह ऐसा काम नहीं है, जिसे एकबारगी किया जा सके। अधिकतम उम्र-सीमा नीचे लाने की एक प्रक्रिया बनानी होगी। यह काम धीरे-धीरे होगा, जिसमें कई साल लग सकते हैं।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!