
मप्र लोकसेवा आयोग ने पहले इन परीक्षाओं के लिए 2 नवम्बर की तारीख का ऐलान किया था, बाद में बदलकर 1 अक्टूबर से कर दिया। सवाल यह उठता है कि परीक्षा की तारीख तय करने से पहले अधिकारियों ने क्या अध्ययन किया। या फिर जान बूझकर नवरात्र के दौरान परीक्षाएं आयोजित करवाईं ताकि योग्य अभ्यर्थी भी डिस्टर्ब हो जाएं और व्यापमं जैसा घोटाला आसानी से किया जा सके।
बता दें कि नवरात्र महोत्सव मध्यप्रदेश में भी धूमधाम से मनाया जाता है। जगह जगह पंडाल लगते हैं, झांकियां बनतीं हैं। लाउडस्पीकर्स पर माता के भजन दिन रात चलते रहते हैं। इन 9 दिनों में लोग उपवास भी करते हैं और घरों में विशेष पूजा विधान भी होते हैं। ऐसे में MPPSC MAINS जैसी परीक्षाएं आयोजित करवाना किसी षडयंत्र से कम नहीं।