
संयुक्त सचिव स्तर के चारों अधिकारियों ने महर्षि से कहा कि लगन से काम करने और सरकार की कई महत्वाकांक्षी परियोजना को लागू करने वाले अधिकारी का निलंबन न्यायोचित नहीं है। चार आइएएस अधिकारियों में शामिल गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पुलिस-1) कुमार आलोक ने कहा कि हमने अपनी भावनाएं गृह सचिव को बता दीं। हालांकि उन्होंने बातचीत का ब्यौरा देने से इन्कार कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, चारों संयुक्त सचिवों ने गृह सचिव से कहा कि द्विवेदी की निष्ठा संदेह से परे है। कनिष्ठ की लापरवाही के लिए वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई से गलत संकेत जाएगा। यहां बता दें कि सारी प्रक्रिया आॅनलाइन है। ऐसे में रिन्युअल से पहले सचेत रहना जरूरी था परंतु ऐसा नहीं किया गया। सरकार ने इस मामले में वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदार माना है जो अपने अधीनस्थों को व्यवस्थित ही नहीं रख पाए और अधीनस्थ मनमाने रिन्युअल करते गए।