
बैठक में शासकीय अध्यापक के अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा, अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के राकेश पांडे, राज्य अध्यापक संघ से शेख हनीफ, आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने एकता को वक्त की जरूरत माना और एक नए बैनर के नीचे एकजुट होने की सहमति दी।
माना जा रहा है कि 25 सितम्बर को तिरंगा यात्राओं के माध्यम से अपनी ताकत का परीक्षण किया जाएगा। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा और 'अध्यापक संघर्ष समिति' को अध्यापकों का रेस्पांस मिला तो आगे की रणनीति तय की जाएगी। याद दिला दें कि सीएम शिवराज सिंह के विशेष रणनीतिकारों ने अध्यापकों में विधानसभा चुनाव से पहले ही फूट डाल दी थी। यह गुटबाजी लगातार बढ़ती गई। देखते हैं इस बार खत्म होती है या नहीं।