
मप्र की लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक भारतीय मजदूर संघ ठेंगडी भवन भोपाल में ठीक 11 बजे भारत माता की पूजन के साथ शुरू हुई। बैठक के दौरान उपस्थित 51 जिलों के जिला अध्यक्षों ने शासन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया, सभी का एकमतेंन निर्णय रहा कि 2008 के बाद से गुरूजी आंदोलनों में भाग नही ले रहे है परंतु शासन द्वारा लगातार गुरुजीयों की उपेक्षा हो रही है। असफल गुरूजियों को 22/10/2016 से संविदा बनाना तथा नियुक्ति दिनाँक से वरिष्ठता का निर्धारण सरकार को जल्दी करना चाहिए।
बैठक में संगठन के मार्गदर्शक सुल्तान सिंह शेखावत (केबिनेट मंत्री दर्जा) अध्यक्ष असंगठित कामगार मंडल मप्र ,के पी सिंह (प्रदेश महामंत्री,भारतीय मजदूर संघ मप्र), धरमदास शुक्ला (मंत्री, बीएमएस) ने संगठन की समस्यायों को सुना तथा यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक के द्वितीय सत्र में गुरुजियों ने आक्रामक रुख अख्तियार किया गुरूजियों का कहना था कि उन्हें अब शासन पर विश्वास नही रहा। इतने साल से शांति से रहने के बाद भी संगठन को कुछ नही मिल रहा है। अतः आंदोलन होना चाहिए।
कार्यकारी प्रांताध्यक्ष तेजनारायण द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे लिए सबसे ज्यादा जरुरी एकजुटता है, सबको एक दूसरे पर विश्वास होकर लड़ना होगा। प्रांताध्यक्ष संदर्भ सिंह बघेल ने सभी की सहमति से आंदोलन को शुरू करने की चरणों में घोषणा की। प्रथम चरण में सबसे पहले मुख्यमंत्री के गृह जिले विदिशा से आंदोलन की शुरुआत की घोषणा की। प्रांताध्यक्ष संदर्भ सिंह ने कहा की 16/10/2016 को विदिशा गुरूजी जागृति सम्मेलन करेगे तथा cmसे मांगों को पूरा करने की मांग करेंगे। इसके बाद आंदोलन का शंखनाँद होगा तथा आगे के आन्दोलनों की रूपरेखा विदिशा में घोषित होगी। बैठक में पधारे सभी पदाधिकारियों का आभार प्रदर्शन प्रांतीय उपाध्यक्ष विनोद दुबे जी ने किया।